नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। स्वयंसेवी संस्था उन्मुक्त भारत एवं सुभारती विश्वविद्यालय समूह द्वारा विभिन्न विद्यालयों में किशोरों एवं युवाओं को राष्ट्रीय भावना से ओत-प्रोत करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय चरित्र निर्माण अभियान चलाया जा रहा है जिसे 'रचना' नाम दिया गया है। रचना की तीसरी इकाई की स्थापना राजकीय सेकेण्ड्री स्कूल बहरामपुर गुरुग्राम में चरित्रशाला के आयोजन के साथ की गई। राष्ट्रीय चरित्र निर्माण अभियान कार्यक्रम के अन्तर्गत विद्यालय के चतुर्थ कक्षा से दसवीं कक्षा तक के छात्र-छात्राओं को राष्ट्र के सम्बन्ध में महत्वपूर्ण जानकारियों दी गई। इस अवसर पर विद्यालय की प्रधानाचार्य श्रीमती वीना रानी, शिक्षकगण और लगभग 200 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया।
विद्यालय की प्रधानाचार्य वीना रानी द्वारा रचना के सदस्यों का तुलसी की माला एवं पुष्प देकर स्वागत किया गया। रचना की गुरुग्राम इकाई की सचिव डॉ० शोभा गुप्ता ने रचना के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ० अतुल कृष्ण के विषय में बताया कि वे एक अत्यन्त कर्मठ एवं राष्ट्रभक्त व्यक्ति हैं जिन्होंने मेरठ एवं देहरादून में दो विश्वविद्यालयों की स्थापना की है एवं उसके अतिरिक्त भी बिजनौर, किठौर मेरठ, गाजियाबाद, गढ़ जनपदों में अनेक विद्यालयों एवं चिकित्सालयों की स्थापना की है। अब वे किशोरों एवं युवाओं में राष्ट्रभक्ति की भावना जाग्रत करने के बीड़े को उठाकर चले हैं।
डॉ० अतुल कृष्ण द्वारा अपने उद्बोधन में छात्र-छात्राओं को 'जय हिन्द', 'वन्दे मातरम' के इतिहास एवं उपयोगिता के विषय में बताया गया। उन्होंने बताया कि वन्दे मातरम का अर्थ भारत माँ की ईश्वर की तरह पूजा करना नहीं होता वरन् भारत माँ के प्रति आदर सम्मान करना एवं उसके प्रति अपना समर्पण प्रदर्शित करना होता है। उन्होंने बताया कि इस ही नारे को लेकर हमारे क्रान्तिकारियों ने देश को स्वतंत्र कराया था। उन्होंने बताया कि हमें स्वतंत्रता क्रान्तिकारियों के बलिदानों के फलस्वरूप मिली है एवं इन असंख्य शहीदों का प्रतिनिधित्व शहीद भगत सिंह, चन्द्रशेखर आजाद, अश्फाक उल्ला खाँ, रामप्रसाद बिस्मिल एवं नेताजी सुभाष चन्द्र बोस आदि करते हैं। नेताजी ने आज़ाद हिन्द सेना का गठन किया जिसका नारा 'जय हिन्द' था। उन्होंने छात्र-छात्राओं को बताया कि हमें अपने हर काम में 'राष्ट्र प्रथम सदैव प्रथम' का भाव रखना चाहिए। पर्यावरण सुरक्षित करने के लिए अपने जन्मदिन पर एक पेड़ लगाने जैसी अनेक महत्वपूर्ण बातें भी उन्होंने बताई। डॉ० अतुल कृष्ण द्वारा छात्र-छात्राओं से भी बीच-बीच में प्रश्न किए गए एवं छात्र-छात्राओं ने अत्यन्त उत्साहपूर्वक उनके उत्तर दिए।
रचना की सचिव डॉ० शोभा गुप्ता द्वारा छात्रों से पूछा गया कि यदि पानी की दो बोतलें हों, जिनमें एक चीन की बनी हो तथा एक भारत की। चीन की बनी बोतल 5 रूपये की मिलती हो तथा भारत की बनी बोतल 7 रूपये की मिलती हो तो वे किसे खरीदेंगे? बच्चों ने एक स्वर में बोला कि चाहे महंगी ही सही, हम भारत की बनी 7 रूपये की बोतल खरीदेंगे। डॉ० शोभा ने स्वदेशी के भाव रखने को महत्वपूर्ण बत्ताया। रचना के इस कार्यक्रम में सेना की शिक्षा कोर से सेवानिवृत्त कर्नल कमल सक्सैना ने भी प्रतिभाग किया एवं उन्होंने छात्रों से सदैव अपने राष्ट्र के प्रति समर्पित रहने, सेना का सम्मान करने एवं देश के लिए अपना सर्वस्व भी अर्पण करने का भाव रखने पर महत्व दिया।
रचना के वरिष्ठ सदस्य श्री अमोद गुप्ता जी द्वारा सभी को धन्यवाद दिया गया। उन्होंने उन्मुक्त भारत की ओर से विद्यालय के शिक्षकों को 'जय हिन्द' का एक प्रतीक चिन्ह एवं 'राष्ट्र अनुभूति पुस्तक' तथा क्रान्तिकारियों के विषय में लिखी पुस्तकें भेंट कीं और कहा कि उन्हें वे पुस्तकालय में रखें ताकि छात्र-छात्राएँ उन्हें पढ़ते रह सकें। कार्यक्रम के पश्चात उनके द्वारा समस्त छात्र-छात्राओं को जलपान कराया गया। कार्यक्रम का समापन वन्दे मातरम' एवं 'जय हिन्द के उद्घोष के साथ हुआ। कार्यक्रम के उपरान्त रचना के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ० अतुल कृष्ण द्वारा बताया गया कि उनके द्वारा पहले ही एक इकाई मेरठ में तथा एक इकाई देहरादून में स्थापित की जा चुकी है जिसके सदस्य लगभग प्रतिदिन किसी न किसी विद्यालय में जाकर छात्र-छात्राओं में राष्ट्र प्रेम के भाव जाग्रत कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि यह तीसरी इकाई है जो गुरूग्राम में स्थापित की गई है। आगे भी विभिन्न क्षेत्रों में राष्ट्रीय चरित्र निर्माण अभियान (रचना) की इकाईयों स्थापित की जाएंगी।


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