आरिफ कुरेशी
नित्य संदेश, मोदीपुरम। सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय अखिल भारतीय किसान मेला एवं कृषि उद्योग प्रदर्शनी के दूसरे दिन रबी फसलों के बीजों की काफी मांग रही। किसानों ने रबी फसलों के बीजों के अलावा सब्जियों, फल-फूलों से सम्बन्धित पौधों के बीजों को खरीदा। कृषि विश्वविद्यालय के स्टॉल से गेहूं के बीजों की मांग अधिक रही। बुधवार दोपहर तक 15 लाख की बिक्री की जा चुकी थी। बासमती निर्यात विकास प्रतिष्ठान द्वारा चौपाल चर्चा का आयोजन किया गया।
संयुक्त निदेशक बासमती निर्यात विकास प्रतिष्ठान डॉ. रितेश शर्मा ने उत्पादन तकनीक पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने किसानों को बासमती चावल के गुणों, त्यौहारों में विशेष व्यंजन के लिए इसके महत्व पर प्रकाश डाला, साथ ही अच्छी प्रजातियों के चयन करने पर जोर दिया। निर्यात के लिए गुणवत्तायुक्त बासमती चावल के उत्पादन, इसके द्वारा आय में वृद्धि विषय पर भी जानकारी दी। निदेशक शोध डॉ. कमल खिलाड़ी ने गोष्ठी का संचालन किया। पशु प्रदर्शनी का समापन कुलपति डॉ. केके सिंह ने किया। पशु प्रदर्शनी में हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश के पशुपालकों द्वारा प्रतिभाग किया गया। लगभग 132 पशुओं का पंजीकरण किया गया। कर्मवीर सिंह, विजय खोखर की मुर्रा नस्ल के सांड को उत्कृष्ट पशुओं में प्रथम, दुधारू गायों की श्रेणी में सुनील कुमार, शोभित चौधरी के पशुओं को प्रथम स्थान दिया गया। इस बार किसान मेले में उत्तर प्रदेश के सर्वाधिक पशुओं का पंजीकरण किया गया। फल-फूल, शाक भाजी प्रदर्शनी का समापन कुलसचिव डॉ. रामजी सिंह ने किया।
कृषि विज्ञान केन्द्रों व विश्वविद्यालय के स्टालों पर तकनीकी ज्ञान के लिए किसानों ने वैज्ञानिकों से संवाद किया। किसान मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रम में रागिनी का आयोजन किया गया, जिसका किसानों ने लुत्फ उठाया। किसानों ने कलाकारों से अपनी पसंद की रागनी की फरमाइश की। कलाकारों ने एक से बढ़कर एक रागनी की प्रस्तुति देकर तालियां बटोरी।
निदेशक प्रसार डॉ. पीके सिंह ने बताया कि किसान मेले के दूसरे दिन किसानों व स्कूली छात्रों ने किसान मेला भ्रमण किया। किसान मेले में विदेशी कंपनी के प्रतिनिधि जो रूस से आए थे, उन्होंने भी किसान मेले का भ्रमण कर जानकारी प्राप्त की। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अमित कुमार ने किया। इस दौरान निदेशक प्रसार डॉ. पीके सिंह, डॉ. टीके सरकार, डॉ. डीके सिंह आदि मौजूद रहे।
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