नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय परिसर पिछले कुछ दिनों में विविध गतिविधियों का केंद्र रहा, जहाँ कला, सामाजिक जागरूकता, भाषा के प्रति सम्मान और सामुदायिक सेवा का अनूठा संगम देखने को मिला। एक ओर जहाँ संगीत नाटक अकादमी की प्रतियोगिता में युवा कलाकारों ने अपनी प्रतिभा से मंच पर धूम मचाई, वहीं हिंदी दिवस की पूर्व संध्या पर शैक्षिक गतिविधियों के माध्यम से भाषा के महत्व को रेखांकित किया गया। इसके साथ ही, मानसिक स्वास्थ्य जैसे गंभीर विषय पर जागरूकता कार्यक्रम और पुरातन छात्रों द्वारा समाज सेवा का अनुकरणीय कार्य भी संपन्न हुआ। इन आयोजनों ने विश्वविद्यालय की अकादमिक उत्कृष्टता के साथ-साथ उसकी गहरी सामाजिक और सांस्कृतिक प्रतिबद्धता को भी प्रदर्शित किया।
शनिवार को विश्वविद्यालय परिसर, उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी, लखनऊ और सुभारती विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित 'शास्त्रीय एवं सुगम संगीत प्रतियोगिता 2025-26' की स्वर लहरियों से गूँज उठा। कार्यक्रम का शुभारंभ कुलपति प्रोफेसर (डॉ.) प्रमोद कुमार शर्मा, मुख्य कार्यकारिणी अधिकारी प्रोफेसर (डॉ.) शल्या राज, कला संकाय के प्रमुख प्रोफेसर (डॉ.) पिंटू मिश्रा एवं प्रोफेसर भावना ग्रोवर द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। कुलपति ने कला को जीवन का अनुशासन बताया, जबकि सीईओ ने युवाओं को भारतीय संस्कृति का ध्वजवाहक कहा। लखनऊ से आए प्रतिष्ठित निर्णायक मंडल में कथक साधिका डॉ. सुरभि शुक्ला, गायन विशेषज्ञ श्री जलज श्रीवास्तव, पंडित मनमोहन नायक एवं डॉ. पवन कुमार शामिल थे। प्रतियोगिता में सुभारती के विद्यार्थियों का दबदबा रहा। कथक में पीहू सिंघल व आरुषि ने प्रथम, बांसुरी वादन में पीहू सिंघल ने प्रथम, गजल में ज्योति कुमार अग्रवाल ने प्रथम, ठुमरी-दादरा में आलिया खान ने प्रथम, ख्याल-तराना में ज्योति कृष्ण अग्रवाल ने प्रथम और भजन में अध्या ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. श्वेता चौधरी ने किया।
इसी कड़ी में, शिक्षा संकाय के शिक्षा विभाग द्वारा हिंदी दिवस की पूर्व संध्या पर स्कूल प्रशिक्षण के अंतर्गत एक प्रसार गतिविधि का आयोजन किया गया। आदर्श इंटर कॉलेज, फजलपुर और बालकल्याण शिव शिक्षा सदन इंटर कॉलेज, घाट में स्लोगन लेखन एवं पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं, जिसका उद्देश्य छात्रों में हिंदी भाषा के प्रति जागरूकता बढ़ाना था। शिक्षा संकाय के डीन प्रो. (डॉ.) संदीप कुमार और विभागाध्यक्ष प्रो. (डा.) इंदिरा सिंह ने प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन किया। प्रतियोगिता के विजेताओं में आशमी, सोफिया, इज़हा, प्राची, चिंकी, रिया बलियान, लक्षिता और रवि रंजन शामिल रहे। कार्यक्रम का सफल मार्गदर्शन प्रसार गतिविधि प्रभारी डॉ. रीबा देवी एवं डॉ. रेशु रानी ने किया।
सामाजिक सरोकारों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दर्शाते हुए केरल वर्मा सुभारती कॉलेज ऑफ साइंस ने डीन प्रोफेसर (डॉ.) रविंद्र कुमार जैन के मार्गदर्शन में आत्महत्या रोकथाम पर एक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया। इसमें मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. सीमा शर्मा, सुश्री अंतुल त्यागी, और डॉ. सुरभि ने छात्रों को मानसिक स्वास्थ्य, आत्महत्या के चेतावनी संकेतों और तनाव प्रबंधन की रणनीतियों के बारे में जानकारी दी। डॉ. सीमा शर्मा ने मानसिक स्वास्थ्य अधिनियम 2017 का जिक्र करते हुए सामाजिक कलंक को दूर करने पर जोर दिया। कार्यक्रम का समन्वय डॉ. नीरू सिंह द्वारा किया गया, जिसमें डॉ. अश्वनी कुमार, डॉ. आसिफ सिद्दीकी, डॉ. अनु चौहान और सुश्री आंचल शर्मा ने महत्वपूर्ण योगदान दिया।
सेवा भाव की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए विश्वविद्यालय की पुरातन छात्र समिति ने अध्यक्षा डॉ. नूपुर कौशिक के नेतृत्व में एक दान शिविर का आयोजन किया। समिति ने पृथ्वी सिंह सुभारती जूनियर हाई स्कूल, डुँगरावली में आयोजित कार्यक्रम में विश्वविद्यालय को एक एम्पलीफायर व माइक सेट तथा ईश्वरचन्द्र विद्यासागर स्कूल को एक ब्लूटूथ स्पीकर दान किया। इस नेक कार्य में डॉ. शाजिया मुज्जमिल बाशिर, इंजी. गुरूसेवक केसरवानी, डॉ. अमित कुमार, डॉ. नेहा सिंह, डॉ. मन्जू अधिकारी, डॉ. आदिल एवं दीपक का विशेष योगदान रहा।
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