नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। काफला-ए-गम कमेटी की जानिब से सैक्टर 4 शास्त्री नगर स्थित शाहजलाल हाल में मजलिस ग़म-ए-हुसैन व शौहदायें करबला में सुप्रसिद्ध आलिम मौलाना फसीह हैदर जै़दी (मंत्री ऑल इण्डिया शिया पर्सनल लाॅ बोर्ड) ने खिताब करते हुए असीराने करबला की कैद से रिहाई व दर्द भरी मुसीबतें ब्यां की।
उन्होंने कहा कि इमाम ज़ैनुल आबैदीन और हज़रत ज़ैनब ने हजरत इमाम हुसैन व शौहदायें करबला की शहादत और यजीद के जुल्मों सितम को दुनिया के सामने उजागर करके यह पैगाम दिया कि हक और इन्साफ की आवाज को कोई ताकत नहीं दबा सकती है, आखिर में सच्चाई और इन्सानियत के उसूलों की फतेह होती है। 22वें दौर की मजलिस का आगाज तिलावत-ए-कलामे पाक से किया। सौज़ख्वानी सुहेल काज़मी व अनवार अली जै़दी ने पुरसौज अन्दाज़ में की। सै. शाह अब्बास सफवी ‘फराज़’ मेरठी, सखी हैदर जै़न रिज़वी ने सलामे अकीदत पेश किया।
मजलिस के बाद अली फात्मा मंजिल के सामने पार्क कर्बला ईराक से आये परचम-ए-अब्बास के साये में हुसैनी सोगवारों ने मुल्क व कौम की तरक्की, खुशहाली और अमन चैन की दुआ की गयी। इसके बाद अलम-ए-मुबारक व शबीह-ए-ताबूत, हजरत इमाम हुसैन, हजरत अब्बास, हजरत अली अकबर, हजरत कासिम, हजरत औन व मौहम्मद हजरत इमाम हसन असकरी और झूला हजरत अली असगर, तथा अमारी जनाब-ए-जैनब, जनाब-ए-रबाब, जुलजनाह बरामद हुए तो हुसैनी सौगवार अशकबार आंखों से ज़ियारत के लिये उमड़ पड़े। काफला-ए-गम की दर्द अंगेज मंजरकशी मौलाना अली हसनैन रिज़वी ने की, कार्यक्रम के संयोजक अली हैदर रिजवी ने संचालन करते हुये कहा कि हमें मुल्क की जम्हूरियत पर नाज़ है, क्योंकि हर वर्ग को मज़हबी आजादी हासिल है।
जुलूस में जावेद रज़ा जै़दी, अयाज़ हुसैन जै़दी, अर्शी नकवी, शाह नवाज हुसैन जै़दी आदि ने दर्द भरे नौहे पढ़े और अंजुमन फौजे हुसैनी जै़दी फार्म, अंजुमन जुल्फिकार हैदरी लोहिया नगर ने मातमपुर्सी की। जुलूस इमली वाली मस्जिद रोड़, अब्बास पैलेस, इमामबारगाह इश्तियाक हुसैन, सोसायटी के आखिरी गेट से इमामबारगाह पंजेतनी में पहुंचा, जहां मौलाना अली हसनैन रिज़वी की अलविदाई तकरीर और शुऐब जै़दी की दुआ व अलविदाई नौहो के साथ लब्बैक या हुसैन की सदाओं के बाद कार्यक्रम खत्म हो गया।
इस दौरान मौ. बाकर जै़दी हाजी खुर्शीद जै़दी, बाकर रज़ा, हाजी अंजुम जै़दी, इकबाल रजा, राजू जै़दी, नदीम जै़दी, हाजी शमशाद अली, अरफात हैदर रिज़वी, तारिक अब्बास, अफसर अली, मुसर्रत अली, मज़हर अब्बास, हैदर अब्बास रिज़वी सहित आसपास से आये बड़ी संख्या में हुसैनी सौगवार शरीक रहे, अंजुमन पैगाम-ए-असगर ने व्यवस्था सम्भाली।
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