नित्य संदेश ब्यूरो
लावड़।
क्षेत्र के गांव भगवानपुर में चकबंदी को लेकर ग्रामीणों के दो गुटों के बीच जमकर
हंगामा हुआ। एक तरफ जहाँ गांव के अधिकांश लोग चकबंदी के पक्ष में हैं, वहीं कुछ ग्रामीण इसका विरोध कर रहे हैं। इस विवाद के चलते
चकबंदी का काम रुक गया और मौके पर पहुंचे कानूनगो और लेखपाल को वापस लौटना पड़ा।
गांव
भगवानपुर में पिछले कई महीनों से चकबंदी की प्रक्रिया चल रही है। कानूनगो भविश और
लेखपाल धीरज सिंह पुलिस के साथ चकबंदी के लिए गांव पहुंचे। अधिकारियों के पहुंचते
ही चकबंदी का विरोध कर रहे ग्रामीणों ने हंगामा शुरू कर दिया। विवाद बढ़ता देख
पुलिस ने हस्तक्षेप किया और दोनों पक्षों को शांत कराने की कोशिश की। हालांकि, चकबंदी का विरोध कर रहे ग्रामीणों ने अधिकारियों के सामने
शपथ पत्रों का हवाला दिया, जबकि चकबंदी के पक्ष में खड़े
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि ये शपथ पत्र फर्जी हैं। स्थिति को सुलझाने
के लिए ग्राम प्रधान पति जितेंद्र ने चकबंदी को लेकर वोटिंग कराने का प्रस्ताव
रखा। लेकिन, विरोध कर रहे ग्रामीणों ने इस
प्रस्ताव को भी मानने से इनकार कर दिया और अपने शपथ पत्रों पर अड़े रहे। गांव के
लोगों का कहना है कि चकबंदी होने से कब्ज़ाई हुई ज़मीन मुक्त होगी और छोटे किसानों
को भी फायदा होगा।
अधिकारियों
का अगला कदम
कोई
नतीजा न निकलने पर कानूनगो और लेखपाल को वापस लौटना पड़ा। कानूनगो ने बताया कि वे
प्रधान पति के वोटिंग प्रस्ताव से उच्च अधिकारियों को अवगत कराएंगे। अधिकारियों के
निर्देश के बाद पुलिस की मौजूदगी में वोटिंग कराई जा सकती है। ग्राम प्रधान रजनी
का कहना है कि जो लोग चकबंदी का विरोध कर रहे हैं, उन्होंने ज़मीन पर अवैध कब्ज़ा कर रखा है। चकबंदी उनके हित
में है और जल्द ही इसे पूरा किया जाएगा।
No comments:
Post a Comment