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Thursday, September 4, 2025

स्वदेश कॉन्क्लेव: भारत 2047 तक बनेगा विकसित राष्ट्र, AI बनेगा सबसे बड़ा हथियार


नित्य संदेश ब्यूरो 
नई दिल्ली। स्वदेश कॉन्क्लेव 2025 में नेताओं, जजों और तकनीकी विशेषज्ञों ने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) भारत को 2047 तक विकसित देश बनाने में सबसे अहम भूमिका निभाएगी। यह कार्यक्रम भारत मंडपम में “Transforming Bharat” थीम पर हुआ।

कार्यक्रम में बताया गया कि कैसे AI, देशी नवाचार और समावेशी नीतियां मिलकर अर्थव्यवस्था को तेजी से बढ़ा सकती हैं, समाज में बराबरी ला सकती हैं और भारत को वैश्विक नेतृत्व के लिए तैयार कर सकती हैं। साथ ही, यह चेतावनी भी दी गई कि अगर तकनीक को बिना नियमों के बढ़ाया गया तो कई खतरे भी हो सकते हैं। केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद ने कहा कि भारत ने सेमीकंडक्टर निर्माण की शुरुआत कर दी है और पहला Made-in-India चिप आ चुका है। उन्होंने इसे “तकनीक का नया दौर” बताते हुए कहा, “तेल का जमाना खत्म हो चुका है, अब चिप का जमाना है।” सरकार ने AI को बढ़ावा देने और नियंत्रण के लिए 10,000 करोड़ रुपये का फंड बनाया है। गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि अब भारत दुनिया में सिर्फ गांधी जी की धरती ही नहीं, बल्कि मोदी जी की धरती के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने लोगों से स्वदेशी सोच के साथ AI अपनाने और राष्ट्र निर्माण में भाग लेने की अपील की।

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एन कोटिस्वर सिंह ने चेतावनी दी कि न्यायपालिका में AI का इस्तेमाल खतरनाक हो सकता है। उन्होंने कहा, “AI इंसान की भावनाओं और किरदार को नहीं समझ सकता, इसलिए इसका इस्तेमाल लोगों का फैसला करने में नहीं होना चाहिए।” सीनियर वकील प्रदीप राय ने कहा कि AI मदद तो करेगा, लेकिन डॉक्टर, वकील और पत्रकार जैसे पेशों की मूल जिम्मेदारी इंसान ही निभाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि बच्चों को शिक्षा में AI की समझ दी जानी चाहिए ताकि वे इसे जिम्मेदारी से इस्तेमाल करें।अर्थशास्त्री अरुण कुमार ने कहा कि भारत को विकसित देश बनने के लिए हर साल 8.5% जीडीपी ग्रोथ चाहिए और प्रति व्यक्ति आय $2,700 से बढ़ाकर $14,000 करनी होगी। इसके लिए तकनीक और बराबरी दोनों जरूरी हैं।

जेएनयू के प्रोफेसर अनिर्बान चक्रवर्ती ने बताया कि AI और मशीन लर्निंग की मदद से खेती में दामों का उतार-चढ़ाव पहले से समझा जा सकता है। इससे छोटे किसान सही फसल चुनने और नुकसान से बचने के फैसले ले पाएंगे। उन्होंने कहा कि RBI और SEBI पहले से ही बाजार पर नजर रखने के लिए AI का इस्तेमाल कर रहे हैं। एसपी सिंह बघेल ने भरोसा जताया कि भारत जल्द ही दुनिया की शीर्ष 3 अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होगा।

कार्यक्रम में स्वदेश सम्मान पुरस्कार भी दिए गए। यह पुरस्कार पूर्व इसरो प्रमुख डॉ. एस. सोमनाथ, सामाजिक कार्यकर्ता अज़ीम आलम, और संगीतकार प्रह्लाद सिंह टिपानिया व ममे खान को मिले। ममे खान और टिपानिया ने कार्यक्रम में प्रस्तुति भी दी। सांसद मनोज तिवारी ने युवाओं से राजनीति से हार न मानने की अपील की और कहा कि “ईमानदार मेहनत और धैर्य से इंसान बहुत आगे बढ़ सकता है।”

कॉन्क्लेव की शुरुआत बालाजी फाउंडेशन की चेयरपर्सन राजश्री राय ने की। उन्होंने कहा, “सच्चा बदलाव तभी आएगा जब सबको अपनी बात कहने का मौका मिलेगा।” उन्होंने फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ की कविता का हवाला भी दिया।2020 से शुरू हुआ स्वदेश कॉन्क्लेव अब भारत में तकनीक, शासन और संस्कृति पर बड़ी बहस का मंच बन चुका है। इस बार इसका मुख्य फोकस AI और भारत का 2047 का सपना रहा।

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