नरेश कुमार
नित्य संदेश, मेरठ। सनातन धर्म मे ज्येष्ठ अमावस्या यानी शनि जयंती के पर्व का विशेष महत्व है। पंचांग के अनुसार, हर साल ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि के दिन शनि जयंती मनाई जाती है। सोमवार को शहर के प्रमुख मंदिर मां बगलामुखी धाम यज्ञशाला श्री दक्षिणेश्वरी काली पीठ प्राचीन वन खंडेश्वर महादेव शिव मंदिर कैलाश प्रकाश स्टेडियम चौराहा साकेत मेरठ मंदिर में शनि जयंती व वट अमावस्या पर पूजन, अनुष्ठान व भंडारे का आयोजन आचार्य प्रदीप गोस्वामी जी की अगुवाई में किया गया।
मन्दिर पुजारी आचार्य प्रदीप गोस्वामी ने बताया कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ज्येष्ठ अमावस्या तिथि पर न्यायप्रिय, कर्मफलदाता, सूर्यदेव और छाया के पुत्र शनिदेव का जन्म हुआ था। इस विशेष दिन पर शनि देव की पूजा करने से साढ़ेसाती और शनि के अन्य दोषों से राहत मिलती है। जो व्यक्ति अपने जीवन में अनुशासन, संयम और परिश्रम का पालन करते हैं, उन पर शनिदेव की विशेष कृपा बरसती है। उन्होंने बताया कि हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ महीने की अमावस्या तिथि 26 मई को दोपहर 12 बजकर 11 मिनट पर शुरू हुई। वहीं इस साल शनि जयंती का पर्व 26 व 27 मई को मनाया जाएगा।
सोमवार को मंदिर प्रांगण में शनि जयंती व ज्येष्ठ अमावस्या या वट अमावस्या पर शनि देव, भैरव महाराज, शनि शीला, श्री शंकर जी का दूध, दही, गंगा जल, शहद पंचामृत से अभिषेक किया गया, ओर सरसों के तेल का शनि देव व भैरवनाथ को अर्पण किया गया। तत्पश्चात लाल मिर्ची का हवन किया गया व मां बगलामुखी का हवन कर विशाल भंडारे का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर आचार्य प्रदीप गोस्वामी, कामेश शर्मा, विपुल सिंघल, हिमांशु वर्मा, विपिन कुमार छाबड़ा पिंकी छोले भटूरे वाले, आशा गोस्वामी, नरेश कुमार, गोपाल भैया सहित सेकड़ो श्रद्धालु उपस्थित रहे।
No comments:
Post a Comment