Breaking

Your Ads Here

Tuesday, December 23, 2025

ब्लेंडर्स प्राइड फैशन टूर फैशन की नई क्रांति


नित्य संदेश ब्यूरो 
नोएडा। ब्लेंडर्स प्राइड फैशन टूर ने इस साल के संस्करण का समापन एक ऐसी नई और क्रांतिकारी फैशन कहानी के साथ किया, जिसने पारंपरिक फैशन शिल्प की सीमाओं को तोड़ दिया। प्रतिष्ठित हावड़ा ब्रिज की भव्य पृष्ठभूमि में, और शहर की ऐतिहासिक हुगली नदी को एक शानदार रनवे में बदलते हुए, फिनाले एडिशन में डिज़ाइनर अनामिका खन्ना (एके। ओके) का प्रयोगधर्मी कलेक्शन प्रस्तुत किया गया। शोस्टॉपर के रूप में करिश्माई ईशान खट्टर की मौजूदगी ने इस प्रस्तुति को और खास बना दिया, जिसने परंपरा से आगे बढ़ते हुए फैशन को नए युग में प्रवेश कराया।

पर्नाेड रिकार्ड इंडिया की सीएमओ देबस्री दासगुप्ता ने कहा ब्लेंडर्स प्राइड फैशन टूर हमेशा से फैशन और सांस्कृतिक संवाद को नई दिशा देने में अग्रणी रहा है। इस संस्करण के अंतिम अध्याय के रूप में कोलकाता ने वही सार पेश किया, जो फैशन को सचमुच परिवर्तनकारी बनाता है। फ्यूचर इज क्राफ्टेड सिर्फ एक शोकेस नहीं था, बल्कि यह इस बात का सशक्त बयान था कि विरासत और नवाचार कैसे मिलकर कुछ असाधारण रचते हैं।

डिज़ाइनर अनामिका खन्ना ने शो पर अपने विचार साझा करते हुए कहा ब्लेंडर्स प्राइड फैशन टूर के साथ मिलकर मुझे यह दिखाने का अवसर मिला कि भारतीय शिल्प को आधुनिक दुनिया के लिए किस तरह तोड़ा-समझा और नए सिरे से गढ़ा जा सकता है। दर्शकों को विरासत की इस साहसिक नई व्याख्या को खुले दिल से अपनाते देखना मेरे लिए बेहद रोमांचक अनुभव रहा।

शोस्टॉपर ईशान खट्टर ने कहा ब्लेंडर्स प्राइड फैशन टूर का हिस्सा बनना मेरे अपने प्रयोगधर्मी स्वभाव और तय सीमाओं से आगे बढ़ने की सोच से पूरी तरह मेल खाता है। शिल्प को उसकी पारंपरिक चैखट से बाहर निकलते और एक अधिक धारदार, अभिव्यक्तिपूर्ण रूप लेते देखना इस अनुभव को बेहद रोमांचक बना गया। इतने आइकॉनिक बैकड्रॉप के बीच यह ऐसा पल लगा, जहां फैशन सिर्फ दिखाया नहीं गया, बल्कि सक्रिय रूप से गढ़ा गया।

एफडीसीआई के चेयरमैन सुनील सेठी ने कहा एफडीसीआई को ब्लेंडर्स प्राइड फैशन टूर के साथ सहयोग करते हुए बेहद खुशी हुई। फैशन की दो बड़ी ताकतों का यह संगम उसके भविष्य को आकार देने की दिशा में एक अहम कदम है। कोलकाता संस्करण ने रचनात्मकता और संस्कृति का उत्सव मनाया और भारतीय फैशन के अगले दौर की गति तय की।
फैशन डिज़ाइन काउंसिल ऑफ इंडिया (एफडीसीआई) के सहयोग से हुए इस शोकेस ने शिल्प को लेकर चली आ रही पारंपरिक धारणाओं को चुनौती दी। इसमें शिल्प को एक स्थिर परंपरा नहीं, बल्कि एक जीवंत और निरंतर विकसित होने वाली शक्ति के रूप में प्रस्तुत किया गया। अनामिका खन्ना के एके द्य ओके ने ज़रदोज़ी, चिकनकारी और मिरर वर्क जैसी परिचित शिल्प भाषाओं को तोड़ते हुए उन्हें नए सिरे से गढ़ा। भविष्यवादी टेलरिंग, मेटैलिक प्रयोग और ब्रह्मांड से प्रेरित ग्राफिक्स के जरिये इन शिल्प रूपों को एक आधुनिक और अलग पहचान दी गई।

यह शो हुगली नदी के बीच लंगर डाले एक बार्ज पर प्रस्तुत किया गया, जिसने पूरे माहौल को फैशन के एक तैरते हुए थिएटर में बदल दिया। शुरुआत गोताखोरों के बार्ज पर उभरने से हुई, जहां लाइट, धुएं और साउंड के जरिए स्कैफोल्डिंग को जीवंत कर दिया गया। तेज रफ्तार संगीत के साथ मॉडल्स संरचना के भीतर से सामने आए। हर कदम के साथ बदलती प्रतिक्रियाशील लेज़र्स ने शो के तनाव और गति को और प्रभावशाली बना दिया। कहानी अपने चरम पर तब पहुंची जब चेनमेल से बने दमदार लुक्स को एक सामूहिक स्टेटमेंट के रूप में पेश किया गया। इसके बाद गतिशील, मूर्तिकला जैसी सिलुएट्स ने मंच पर आकार लिया। फिनाले में नाटकीय शिखर तब आया जब ईशान की स्पीडबोट से एंट्री हुई। हावड़ा ब्रिज की आइकॉनिक पृष्ठभूमि में सभी कलाकारों की सामूहिक मौजूदगी के साथ शो का भव्य समापन हुआ।

शाम की भव्यता में गंभीरता और ऐतिहासिक गरिमा का रंग भरने का काम द बंगाल पैडल पोत ने किया। अपने संग्रहालय जैसे इंटीरियर्स और ऐतिहासिक सज्जा के साथ इस पोत पर पहले शहर की जानी-मानी हस्तियों की मेजबानी की गई, जिसके बाद उन्हें बार्ज तक ले जाया गया। इसके पुराने बॉयलर रूम में स्थित रिवराइन म्यूज़ियम, जहां दुर्लभ समुद्री कलाकृतियां और हुगली नदी की विरासत को दर्शाने वाली क्यूरेटेड इंस्टॉलेशन्स मौजूद हैं, ने एक ऐसा गहन सांस्कृतिक माहौल रचा जिसने इस भव्य फैशन शोकेस की परिष्कृत गरिमा को और मजबूती दी।

No comments:

Post a Comment

Your Ads Here

Your Ads Here