नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। नई सड़क स्थित एक रेस्टोरेंट में प्रेस ब्रीफिगं का आयोजन किया गया, जिसमें डॉ कीर्ति जैन ने रेटिनोपैथी का प्रीमेच्योरिटी जैसी बीमारी के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
आरुण्या फाउंडेशन की संचालक, वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ कीर्ति जैन ने जानकारी देते हुए बताया प्रोजेक्ट नन्हीं आँखें (प्रोजेक्ट नन्ही आंखें) जो समयपूर्व जन्मे (असामयिक) शिशुओं में होने वाली रेटिनोपैथी ऑफ प्रीमैच्योरिटी (आरओपी) जैसी गंभीर बीमारी से बचाने का प्रयास है। इस परियोजना का उद्देश्य देशभर में नवजात शिशुओं की आँखों की समय पर जाँच सुनिश्चित करना और अंधेपन से बचाना है। उद्देश्य समय पर इस बीमारी की जांच एवं जागरूकता से इसे रोका जाना है। यह प्रयास न केवल एक प्रोजेक्ट है, बल्कि समाज की आँखों में नई उम्मीद जगाने वाली पहल है। लगभग 40 लोगों की टीम ने सक्रिय रूप से सहयोग किया।
डॉ कीर्ति जैन ने बताया कि आने वाले समय में "नन्हीं आँखें" परियोजना को और अधिक जनपदों में विस्तारित किया जाएगा, ताकि कोई भी बच्चा अंधेपन की अंधेरी दुनिया में न जाए।
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