-सदभावना जागृति फाउंडेशन की टीम ने जाना दर्द, बुजुर्गों
ने सुनाई पीड़ा
नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। सदभावना जागृति फाउंडेशन की राष्ट्रीय अध्यक्षा
डॉ. भावना शर्मा मंगलवार को वृद्धा आश्रम पहुंचीं। उनके साथ कोषाध्यक्ष अश्वनी शर्मा
और सचिव विभूति सक्सेना भी साथ रहें। गंगा नगर स्थित साईं दादा दादी वृद्धाश्रम में
विभूति सक्सेना अपनी माता की प्रथम पुण्य तिथि पर बुजुर्गों के लिए टोपी, मौजे, शॉल,
साड़ी, रेवड़ी, फल लेकर पहुंचे थे। यहां पर 33 बुजुर्ग हैं, जो अलग-अलग राज्यों बिहार,
इंदौर, महाराष्ट्र तथा मेरठ के परिवार से थे।
परिवार के बारे में बात आते ही दर्द छलक उठा
जेल चुंगी के पास की श्रीमति यादव ने बताया, दो मकान बेटों
को बनाकर दिए, लेकिन उन्होंने उसी घर से बाहर कर दिया, जिसे बड़ी उम्मीदों के साथ बनाया
था। मारपीट से परेशान बागपत के बडोत की सरोज बताती हैं, हम यहां खुश हैं, एक परिवार
की तरह रहते हैं, बातें साझा करते हैं, अच्छा खाना रहता है, कभी परिवार की याद नहीं
आती। पूछने पर बाबा बताते हैं कि औलाद को पढ़ा-लिखाकर काबिल बनाया, इस दिन का नहीं
सोचा था, अब हम उनके लिए अजनबी हैं, सभी से यही कहेंगे, जीते जी अपने नाम सब कुछ रखना,
नहीं तो हमारी तरह हालत होगी। आंखे आंसुओं को जब ना संभाल पाई, जब एक बुजुर्ग, भोजन
से पूर्व राधा रानी के कलैंडर के सामने भोजनयुक्त प्लेट रखकर प्रार्थना कर रहे थे,
महारानी बिना औलाद बना देना, पर ऐसी औलाद न देना जो मां बाप को उनके ही घर से बुढ़ापे
में निकालकर अपने नम्बर, एड्रेस तक बदल देते हैं, जब तक जिंदा रहे, अपनी संपत्ति किसी
को न सौंपे, बाकी श्रीजी पर छोड़ दो।
सभी के चेहरे पर दिखी मुस्कान
डॉ. भावना शर्मा ने बताया कि वृद्धाश्रम के अध्यक्ष नलिन
शर्मा, सचिव नम्रता शर्मा बहुत नेक काम कर रहे हैं। अपनी टीम के साथ आकर एक दिन सबके
साथ सहभोज करेंगे। पूरा दिन आप सबके साथ बिताएंगे, इसी वादे के साथ विदा ली, सभी के
चेहरे पर मुस्कान और आंखों में कुछ सुकून देखकर बहुत अच्छा लगा।

No comments:
Post a Comment