नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ: स्कूल ऑफ लॉ एंड कॉन्स्टीट्यूशनल स्टडीज़, शोभित विश्वविद्यालय, मेरठ में “समान नागरिक संहिता विषय पर तृतीय युवा संसद का सफल आयोजन मूट कोर्ट हॉल में किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय के माननीय कुलाधिपति कुँवर शेखर विजेंद्र तथा विशिष्ट अतिथि मेरठ छावनी क्षेत्र के विधायक अमित अग्रवाल मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन कर माँ सरस्वती के आशीर्वाद से हुआ। निदेशक प्रो. प्रमोद कुमार गोयल ने स्वागत भाषण देते हुए कार्यक्रम की महत्ता और विषय की संवैधानिक प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला।
मुख्य अतिथि कुलाधिपति कुँवर शेखर विजेंद्र ने अपने प्रेरणादायी संबोधन में कहा कि युवाओं की संवैधानिक समझ और तर्कशील अभिव्यक्ति भारतीय लोकतंत्र की शक्ति है। उन्होंने स्पष्ट किया कि समान नागरिक संहिता किसी भी धर्म का विरोध नहीं है, बल्कि सभी नागरिकों—विशेषकर महिलाओं—के समान अधिकार, न्याय और सुरक्षा सुनिश्चित करने का माध्यम है। उन्होंने यह भी कहा कि संविधान का अनुच्छेद 44 सरकार को समान नागरिक संहिता लागू करने का मार्ग दिखाता है। कुलाधिपति जी ने घोषणा की कि विजेता टीम को उनके द्वारा हस्ताक्षरित भारतीय संविधान की प्रति प्रदान की जाएगी, और छात्रों की संवैधानिक दृष्टि की सराहना की।
विशिष्ट अतिथि विधायक अमित अग्रवाल ने समान नागरिक संहिता को “समय की आवश्यकता” बताया और कहा कि भारत का विकास तभी सार्थक होगा जब सभी नागरिकों के लिए समान अधिकारों वाली संहिता लागू होगी। उन्होंने युवाओं को संवैधानिक बहसों में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित किया और कहा कि समान दंड संहिता की तरह समान नागरिक संहिता भी समाज में न्याय और संतुलन को मजबूत करेगी।
युवा संसद की शुरुआत एल.एल.बी. द्वितीय वर्ष की छात्रा तान्या साहू द्वारा प्रस्ताव प्रस्तुत करने से हुई। समर्थन और विरोध पक्ष की दोनों टीमों ने प्रभावशाली व तार्किक तर्क प्रस्तुत करते हुए विषय के संवैधानिक, सामाजिक और नैतिक पहलुओं पर गहन विमर्श किया। उत्कृष्ट प्रस्तुति के आधार पर विरोध पक्ष विजेता घोषित हुआ। मैबम नूर मोहम्मद को सर्वश्रेष्ठ वक्ता (विरोध), तनीषा साहू को सर्वश्रेष्ठ वक्ता (समर्थन) तथा सर्वश्रेष्ठ परिधान पुरस्कार सुश्री निशा फ़ातिमा और श्री कुंदन कुमार को प्रदान किया गया। कार्यक्रम का संचालन दीक्षा गौड़ और हार्दिक भाट ने किया, जबकि समन्वयन डॉ. पल्लवी जैन और श्री पवन कुमार ने संभाला। मूल्यांकन का दायित्व डॉ. ऋषि यादव और श्री पवन कुमार ने निर्वहन किया।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के वरिष्ठ अधिकारी—प्रो. (डॉ.) एम.एल. सिंगला (सलाहकार), डॉ. देवेंद्र नारायण (निदेशक-मानव संसाधन), प्रो. (डॉ.) अशोक कुमार गुप्ता (डीन-अकादमिक), डॉ. नेहा वशिष्ठा (निदेशक-आउटरीच सेल), डॉ. अभिषेक कुमार डबास (निदेशक-प्रशिक्षण एवं प्लेसमेंट )—सहित विभिन्न संकायों के डीन, निदेशक, संकाय सदस्य और बड़ी संख्या में छात्र उपस्थित रहे। सभी ने छात्रों द्वारा प्रस्तुत संवैधानिक विमर्श की सराहना की और कार्यक्रम को अत्यंत सफल और सार्थक बताया।
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