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Tuesday, November 18, 2025

सीसीएसयू में आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में ‘विज्ञान प्रौद्योगिकी में महिलाओं के स्वास्थ्य और कल्याण’ पर गहन मंथन


नित्य संदेश ब्यूरो 
मेरठ। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के महिला अध्ययन केन्द्र द्वारा “विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और प्रबंधन में महिलाओं के स्वास्थ्य और कल्याण” विषय पर आईसीएसएसआर प्रायोजित राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन बड़े औपचारिक और शैक्षणिक वातावरण में किया गया। 

कार्यक्रम का शुभारंभ कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला, रजिस्ट्रार डॉ. अनिल कुमार यादव, डॉ. दीपा वर्मा (डायरेक्टर, फॉरेंसिक साइंस लेबोरेट्री दिल्ली), डॉ. दीप्ति कक्कर (ANRF), डॉ. अल्का मदान (हेड, जेवर रिसर्च फाउंडेशन), प्रो. एम.के. गुप्ता, प्रो. वीर पाल, तथा प्रो. बिन्दु शर्मा द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला ने कहा कि “आज के दौर में महिलाओं के स्वास्थ्य, जीवनशैली, संतुलित पोषण और मानसिक सुदृढ़ता पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में आगे बढ़ने वाली महिलाओं को सुरक्षित एवं प्रेरक वातावरण उपलब्ध कराना हमारी जिम्मेदारी है।” विशेष अतिथि  डॉ. दीपा वर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि “महिलाओं की सुरक्षा, मानसिक स्वास्थ्य और पेशेवर आत्मनिर्भरता—तीनों पहलू STEM क्षेत्रों में उनकी प्रगति के मूल आधार हैं। हमें ऐसा माहौल देना होगा जहाँ महिलाएँ बिना किसी भय और दबाव के आगे बढ़ सकें।” डॉ. दीप्ति कक्कर ने कहा, “कार्यस्थल पर लिंग समानता, सम्मान और निष्पक्ष अवसर देने से ही विज्ञान और तकनीक में महिलाओं की वास्तविक भागीदारी सुनिश्चित की जा सकती है।”
डाबर रिसर्च फाउंडेशन की हेड, डॉ. अल्का मदान ने विचारप्रस्तुत करते हुए कहा कि “महिलाओं के स्वास्थ्य में पोषण-संतुलन की जागरूकता अत्यंत आवश्यक है। स्वस्थ महिला ही मजबूत समाज और मजबूत वैज्ञानिक ढांचे का निर्माण कर सकती है।” कार्यक्रम में प्रो. विधु एरी ( एक्स डीन जामिया हमदर्द) प्रो. विनीता त्यागी और डॉ. सुनेत्री सिंह ने महिलाओं के समान अधिकार, सुरक्षा और सम्मान को विकास की अनिवार्य शर्त बताया। प्रो. बिन्दु शर्मा ने कहा, “जब तक महिलाएँ निर्णय-निर्माण की प्रक्रिया में बराबर की भागीदार नहीं होंगी, तब तक समाज की प्रगति अधूरी रहेगी। ऐसे सम्मेलन युवाओं में दृष्टिकोण और संवेदनशीलता का विस्तार करते हैं।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. स्वाति सिंह ने किया। समापन सत्र में डॉ. वैशाली पाटिल ने सभी प्रतिभागियों एवं आयोजन मण्डल—डॉ. स्वाति सिंह, नेहा शर्मा, नेदा गर्ग, डॉ. विजेता, डॉ. श्वेता शर्मा, डॉ. नीलू, डॉ. निधि चौधरी, प्रतिनिधि चौहान और डॉ. रानू—को कार्यक्रम की सफलता के लिए बधाई दी।

सम्मेलन में 80 शोधार्थियों ने अपने शोधपत्र प्रस्तुत किए, तथा देश के विभिन्न राज्यों से विशेषज्ञों व प्रतिभागियों ने सहभागिता दर्ज की। कार्यक्रम में प्रो. के.के. शर्मा, प्रो. अराधना, डॉ. विवेक त्यागी, डॉ. धर्मेन्द्र कुमार, डॉ. पूनम सहित अनेक शिक्षाविद उपस्थित रहे।

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