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Wednesday, October 22, 2025

क्या है गैंग और गैंगस्टर, अर्थ और सजा के बारे में एडवोकेट रामकुमार शर्मा से विशेष बातचीत


नित्य संदेश ब्यूरो 
मेरठ। एडवोकेट रामकुमार शर्मा से “गैंग” (Gang) की परिभाषा और धारा 2(b) के संबंध में नित्य संदेश की विशेष बातचीत हुई।

उन्होंने बताया कि “गैंग” का अर्थ है ऐसे दो या दो से अधिक व्यक्तियों का समूह जो निरंतर या समय-समय पर अपराध करने में संलिप्त हों और जिनका उद्देश्य
 • लोगों में भय या आतंक फैलाना,
 • सरकारी अधिकारियों को भयभीत करना,
 • अवैध आर्थिक, भौतिक या राजनीतिक लाभ प्राप्त करना हो।

📘 उदाहरण:
 • रंगदारी या धमकी देकर धन वसूलना,
 • सरकारी ठेकों में दबाव बनाना,
 • अवैध निर्माण या कब्जा करना,
 • अपराध के बल पर राजनीतिक प्रभाव कायम रखना,
 • लोगों से मारपीट या सार्वजनिक अपमान कर समाज में आतंक पैदा करना।

🔹 “गैंगस्टर” (Gangster) की परिभाषा — धारा 2(c)

“गैंगस्टर” वह व्यक्ति है जो स्वयं अपराध करता है या किसी गिरोह का सदस्य, सहयोगी, या उसका संरक्षण देने वाला हो।

अर्थात, यदि कोई व्यक्ति स्वयं अपराध न भी करे परंतु गिरोह को संरक्षण या आर्थिक सहायता देता है, तो भी उस पर गैंगस्टर एक्ट लागू हो सकता है

🔹 किन अपराधों पर लागू होता है

गैंगस्टर एक्ट उन अपराधों पर लागू होता है जिनमें व्यक्ति:
 • डराने-धमकाने या भय दिखाकर किसी से धन, संपत्ति या प्रभाव प्राप्त करे।
 • हत्या, लूट, अपहरण, मारपीट, रंगदारी, ज़मीन कब्ज़ा, महिलाओं से छेड़छाड़, या अवैध शक्ति प्रदर्शन करे।
 • सार्वजनिक व्यवस्था को बाधित करे या शासन व्यवस्था को चुनौती दे।

🔹 क्यों लागू किया जाता है

इस अधिनियम का प्रयोग तब किया जाता है जब —
 • आरोपी बार-बार अपराध कर रहा हो,
 • स्थानीय पुलिस और आम कानून (IPC, CrPC) से नियंत्रण मुश्किल हो,
 • आरोपी का समाज पर आतंक या दबाव हो,
 • जनता में उसके खिलाफ गवाही देने का डर हो,
 • अपराध का उद्देश्य सत्ता या आर्थिक लाभ के लिए हो।

🔹 दंड (Punishment)

धारा 3 के अंतर्गत:

यदि कोई व्यक्ति गैंगस्टर एक्ट के तहत दोषी पाया जाता है, तो उसे
 • कम से कम 2 वर्ष से लेकर आजीवन कारावास,
 • तथा ₹5,000 से ₹5,00,000 तक का जुर्माना हो सकता है।

🔹 विकुल चपराना जैसे मामलों में गैंगस्टर एक्ट क्यों बनता है

आपके बताए प्रकरण के अनुसार:
 • आरोपी ने सार्वजनिक रूप से नागरिक को अपमानित और भयभीत किया,
 • उसने सत्ता संरक्षण का हवाला देकर पुलिस व जनता को दबाव में लिया,
 • समाज में भय, आतंक और असुरक्षा का माहौल उत्पन्न किया,
 • उसके राजनीतिक-संबंधों के कारण पुलिस निष्क्रिय रही।

इस प्रकार यह कृत्य 
“जनता में भय और आतंक फैलाकर सत्ता या सामाजिक प्रभाव बनाए रखने” की श्रेणी में आता है।
इसलिए, उत्तर प्रदेश गैंगस्टर एक्ट की धारा 2(b), 2(c) एवं धारा 3(1) के अंतर्गत विकुल चपराना जैसे व्यक्ति पर कार्रवाई की जा सकती है।

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