नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। मयूर विहार स्थित प्रो. सुधाकराचार्य त्रिपाठी के आवास पर भागवत की फलप्रधान चौथे दिन की कथा हुई। कथा में प्रो. त्रिपाठी ने सूर्यमण्डल का सम्पूर्ण व्रत्तान्त सुनाया।
उन्होंने तारामण्डलों व आकाशगंगा का वर्णन किया। रैवत मन्वन्तर, चौदह मन्वन्तरों का वर्णन, अदिति के पयोव्रत का वर्णन, वामन अवतार, बलि व वामन अवतार का प्रकरण, वामन भगवान का तीन पग भूमि की याचना व तीनों लोकों को नाप लेने के वृत्तान्त का वर्णन किया। इसके अतिरिक्त सत्यदेव की कथा, पुरुरवा व उर्वशी का वृत्तान्त, च्यवन ऋषि की कथा, सुकन्या से उनका विवाह, अम्बरीश, मान्धाता, सौभरि ऋषि, शुनः शेप, ययाति, शर्मिष्ठा व देवयानि से ययाति का विवाह, शुक्राचार्य का ययाति को श्राप, ययाति का पुनः यौवन प्राप्त करना, वसुदेव देवकी की कथा और कृष्ण भगवान के जन्म की कथाओं का वर्णन किया गया। मंगलवार को कृष्ण लीलाएं, द्वारिका गमन व रुक्मिणी विवाह तक की कथाए होंगी।
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