आरिफ कुरेशी
नित्य संदेश, लावड़। खेती में लगातार बढ़ती उत्पादन लागत और उपज में अस्थिरता की चुनौतियों से निपटने के लिए चम्बल फर्टिलाइजर्स एण्ड केमिकल्स लिमिटेड ने देश के 13 राज्यों के 40 किसानों के खेतों पर 'उत्तम संतुलित पोषण अभियान' की शुरुआत की है। बृहस्पतिवार को मिठेपुर गाँव में एक विशाल कृषक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में लगभग 300 प्रगतिशील किसानों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
चम्बल फर्टिलाइजर्स के जनरल
मैनेजर मार्केटिंग प्रकाश शर्मा और कृषि वैज्ञानिक डॉ. जगमोहन सैनी ने किसानों को
इस अभियान के महत्व से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि यह अभियान मृदा स्वास्थ्य और
पौध सुरक्षा के प्रति जन जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से चलाया गया है। उत्पादन
लागत में कमी: वैज्ञानिक और नवीन तकनीकों जैसे सटीक उर्वरक प्रबंधन, जल प्रबंधन और
समन्वित कीट-प्रबंधन को अपनाकर किसान अनावश्यक खर्चों में कटौती कर सकते हैं। बीज
उपचार, संतुलित पोषण और सही कीट-रोग नियंत्रण के प्रयोग से फसल की गुणवत्ता और
मात्रा में वृद्धि होती है। जैविक खादों और सही उर्वरक प्रबंधन से मिट्टी की
उर्वरता बनी रहती है, जिससे खेती की दीर्घकालिक स्थिरता सुनिश्चित होती है। एकीकृत
खेती के महत्व पर जोर देकर किसानों को एक स्वस्थ और समृद्ध राष्ट्र के निर्माण में
योगदान के लिए प्रेरित करना।
कार्यक्रम में जिला कृषि
अधिकारी राजीव कुमार सिंह, कृषि विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिक डॉ. राजेंद्र
सिंह ने किसानों को क्षेत्र की प्रमुख फसलों गन्ना, धान और गेंहू के लिए उन्नत
उत्पादन तकनीकों जैसे बीज उपचार, जैविक खादों के उपयोग और समन्वित कीट-रोग
नियंत्रण के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
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