नित्य संदेश ब्यूरो 
सरधना (मेरठ)। नगर पालिका परिषद सरधना में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर सभासदों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बड़ा कदम उठाने की मांग की है। सभासदों ने नगर पालिका के लिपिक (बड़े बाबू) विपिन कुमार शर्मा पर फर्जी नियुक्ति, ठेकों में हेराफेरी, सरकारी धन के दुरुपयोग और संपत्ति अर्जन के गंभीर आरोप लगाए हैं।
वार्ड संख्या 10 के सभासद राहुल पाल के नेतृत्व में कई सभासदों ने मुख्यमंत्री को प्रेषित ज्ञापन में कहा है कि विपिन शर्मा ने नगर पालिका में फर्जी तरीके से लिपिक पद पर नियुक्ति ली और लंबे समय से एक ही पद पर बने रहकर भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया है। आरोप है कि उन्होंने नगर पालिका के कई ठेकेदारों के साथ मिलीभगत कर उनके नाम पर खुद ठेकेदारी का कार्य किया है, जबकि कर्मचारियों के बीमा, पेंशन, ईपीएफ और ईएसआईसी की राशि वर्षों से बकाया है। सभासदों का कहना है कि वर्तमान अधिशासी अधिकारी द्वारा लगभग 15 लाख की राशि ठेका कर्मचारियों के खाते में जमा कराई गई है, लेकिन पिछले कई वर्षों का बकाया अब भी बाकी है। साथ ही, पिछले दो दशकों से एक ही ठेकेदार युनुस और उनके परिजनों को लगातार ठेके दिए जा रहे हैं, जिसकी निष्पक्ष जांच कराई जानी चाहिए।
शिकायत में यह भी कहा गया है कि बड़े बाबू विपिन शर्मा ने अपनी पत्नी, पुत्रों, भाई और अन्य परिजनों के नाम पर अरबों रुपये की संपत्ति अर्जित की है। नगर पालिका सीमा में नामांतरण की कार्यवाही में भी अवैध वसूली और नियमों की अनदेखी की गई है। सभासदों ने यह भी आरोप लगाया कि बड़े बाबू पालिका से वेतन पाने के बावजूद अपने परिवार के नाम से संचालित मेडिकल स्टोर पर प्रतिदिन बैठते हैं, जिससे पालिका के कार्य प्रभावित होते हैं।
सभासद आशीष त्यागी (वार्ड-23), तनिका जैन (वार्ड-5) और तनिका जैन (वार्ड-3) सभासद राहुल पाल ने इस शिकायत पर हस्ताक्षर करते हुए मुख्यमंत्री से मांग की है कि विपिन शर्मा की नियुक्ति और वित्तीय लेनदेन की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए। साथ ही जांच की निष्पक्षता बनाए रखने के लिए उन्हें किसी दूसरी नगर पालिका में संबद्ध (ट्रांसफर) किया जाए। सभासदों का कहना है कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो वे सामूहिक रूप से आंदोलन करने को बाध्य होंगे।
 
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