नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। दसलक्षण धर्म के अंतिम दिन अनंत चतुर्दशी पर उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म का
व्याख्यान सदर दुर्गाबाड़ी जैन मंदिर में हुआ। विधानाचार्य, प्रतिष्ठाचार्य पवन ने
अनंत चतुर्दशी के महत्व को समझाया। बताया कि इस वर्ष वर्तोपरांत निकलने वाली
रथयात्रा में स्वर्ण रथ को 75 वर्ष पूर्ण हो जाएंगे। उन्होंने जानकारी दी कि जो प्रतिमा इस रथ पर विराजित
होकर नगर भ्रमण करती है, उसके दातार का कोई उल्लेख नहीं है। ये प्रतिमा गुप्त दान में
प्रतिष्ठित की गई, जिस कारण इसका अतिशय बहुत बड़ा है।
जैन समाज के विख्यात कवि सौरभ जैन सुमन ने जानकारी दी कि सदर की रथयात्रा अनंत
चतुर्दशी के ठीक एक दिन बाद निकलती है। दस दिन व्रतोपवास से रहने वाले जैन
धर्मावलंबी इस दिन व्रतों को खोलकर खुला भोजन कर सकते हैं, इस
कारण सदर की रथयात्रा सदैव से बहुत महत्व रखती आई है। सौरभ जैन सुमन ने जानकारी दी
कि रविवार को श्री जी का स्वर्ण रथ दुर्गाबाड़ी सदर जैन मंदिर से चलकर सदर
गुरुद्वारा, सर्राफा बाजार, थाना सदर बाजार, दालमंडी चौक, धानेश्वर चौक, पत्ता मोहल्ला, आबूलेन फव्वारा चौक, शिव चौक, सदर बाजार होते हुए ऋषभ
अकादमी स्कूल परिसर में पहुंचेगी। जहां श्री जी का अभिषेक किया जाएगा। व्रतोपवास
के बाद हजारों लोगों के लिए शुद्ध भोजन की व्यवस्था समाज द्वारा यहां की गई है।
कार्यक्रम में सुनील जैन सर्राफ, सौरभ जैन सुमन, मृदुल जैन, सचिन जैन, मनीष जैन, टिंकल जैन, संजय जैन, राजीव जैन, विजय जैन, निकुंज जैन, अक्षत जैन, रितेश जैन, अंकुर जैन, दिनेश जैन, विनेश जैन आदि का सहयोग
रहा।
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