नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। दस लक्षण पर्व के दूसरे दिन उत्तम मार्दव का पर्व दिगंबर जैन मंदिर आनंदपुरी में धूमधाम से मनाया गया। भगवान श्री शांतिनाथ को पांडुकशिला पर विराजमान कर अभिषेक तथा शांति धारा की गई।
मीडिया प्रवक्ता सुनील जैन ने बताया कि देव शास्त्र गुरु और आदिनाथ भगवान की पूजा की गई, उसके बाद अर्हम चक्र महामंडल विधान किया गया, जिसमें मांडले पर 211 अर्घ समर्पित किए गए। सभी क्रियाएं पंडित नंदन शास्त्री द्वारा संपन्न कराई गई। शाम को सामूहिक आरती की गई, उसके बाद पंडित नंदन शास्त्री ने प्रवचन करते हुए कहा सबसे सहयोग बनाकर रखो। किसी के नाश करने का भाव मत करो। पंडित जी ने बताया, एक व्यक्ति धूल में से निकला तो उसके ऊपर धूल नहीं चिपकी, जबकि दूसरा व्यक्ति धूल में से निकला तो गंदा हो गया, क्योंकि दूसरे व्यक्ति ने राग द्वेष का तेल लगाया हुआ था, इसलिए हमें चाहिए कि हम राग द्वेष रूपी तेल से बचें और अपने भाव विशुद्ध बनाकर रखें। इस मौके पर विनय जैन, अचल जैन, अरुण जैन, सत्येंद्र जैन, चैतन्य जैन, शैलेंद्र जैन आदि ने सहयोग किया।
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