अर्जुन देशवाल
नित्य संदेश, बहसूमा। सावन का महीना शुरू होते ही लोगों के जुबान पर घेवर का नाम नहीं आये ऐसा हो नहीं सकता।जिसे देखते हुए सावन का महीना शुरू होते ही मिठाई की दुकानों पर घेवर बिकना शुरू हो जाता है।इसका स्वाद लजीज होने के कारण ग्राहकों की सावन में पहली पसंद हैं। लोगों की पसंद के कारण मिठाई विक्रेता इस माह में मिठाईयों में सबसे अधिक घेवर बनाते हैं। त्योहारों के निकट आने पर घेवर की मांग भी बढ़ जाती है।
सावन का महीना शुरू होते ही मिष्ठान अपेक्षा घेवर को अधिक मात्रा में बनाते हैं। क्योंकि सावन के महीने में अगर कोई मिठाई बिकती है यह केवल घेवर है।सावन के महीने में घेवर ग्राहकों की पहली पसंद होती है। घेवर का स्वाद लजीज होने के कारण बच्चे, बूढ़े और जवान भी इस माह में इसे खाने से नहीं चूकते हैं।जिन लोगों को मिठाई खाने के लिए मना होता है।वह घर में रखे घेवर को परिजनों के आंखें बचने पर इसका स्वाद लेने से नहीं चूकते हैं।सावन के महीने में नहीं सिलने वाला एकमात्र मिष्ठान होने एवं बच्चों एवं बूढ़ों की पहली पसंद होने के कारण विक्रेता बढ़े पैमाने पर इसे बनाते हैं।इसके अलावा इस माह में लोग एक दूसरे को गिफ्ट देने के लिए गिफ्ट सेंटरों के स्थान पर सीधे मिठाई की दुकान पर जाते हैं। क्योंकि सावन माह में घेवर को गिफ्ट में भी दिया जाता है।इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए विक्रेता दुकानों में इसका काफ़ी स्टोक रखतें हैं। मिष्ठान विक्रेताओं का कहना है कि बाजार में मावा युक्त घेवर 500 से 550 रूपए किलो बिक रहा है।लोग गिफ्ट में घेवर देना पसंद कर रहे हैं। क्योंकि बरसात के दिनों में घेवर एकमात्र ऐसी मिठाई है, जो सीलती नहीं है।घेवर का गिफ्ट में देने का चलन बढ़ते देख आकर्षक डिब्बे बनवाएं गये हैं।
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