नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। भारत सरकार द्वारा
29 मई से 12 जून तक चलाए जा रहे विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत जिले में तीन किसान
गोष्ठियों का आयोजन किया गया। ये गोष्ठियाँ राजपुरा विकास खंड के जिठौली, भगवानपुर
चट्टावन और मुरलीपुर गांवों में संपन्न हुईं। इन गोष्ठियों में भारतीय कृषि अनुसंधान
संस्थान (आईसीएआर-आईएआरआई) नई दिल्ली के वैज्ञानिकों ने किसानों को उन्नत खेती की तकनीकों
की जानकारी दी।
डा. एस. चक्रवर्ती, डा.
वेदाकृष्णन, डा. सवीना इस्लाम और डा. संदीप पंवार ने फसलों के कीट प्रबंधन, पोषण व्यवस्था,
सब्ज़ी उत्पादन और मोटे अनाज की खेती पर चर्चा की। कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) के
डा. नवीन चंद्र ने धान की फसल में रोग और कीट नियंत्रण कि जानकारी देते हुए उसके उपाय
बताए। फसल प्रणाली अनुसंधान संस्थान के डा. ललित कुमार ने किसानों को धान, उर्द, मूंग
और गन्ने की नई किस्मों और उन्नत उत्पादन तकनीकों की जानकारी दी। उन्होंने गन्ने के
साथ सब्जियों की अंतर्वर्ती फसल (इंटरक्रॉपिंग) के लाभों पर भी प्रकाश डाला, जिससे
किसान बहुफसली प्रणाली अपनाकर अपनी आय बढ़ा सकते हैं।
इसके अतिरिक्त, डा. निर्मल
कुमार ने कृषि वानिकी और सूक्ष्म सिंचाई से संबंधित सरकारी योजनाओं की जानकारी दी।
वैज्ञानिकों ने गन्ने में
रोग प्रबंधन और बागवानी फसलों में नेमाटोड नियंत्रण के उपायों पर भी चर्चा की। किसानों
ने इन गोष्ठियों में भाग लेकर वैज्ञानिकों से सीधे संवाद किया और अपनी समस्याओं के
समाधान प्राप्त करते हुए इस पहल की सराहना की और इसे अपनी खेती में सुधार के लिए उपयोगी
बताया।
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