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Monday, June 2, 2025

स्वराज कुमार जैन अपनी सेवाओं के कारण हमेशा लोगों के दिलों में जीवित रहेंगे: प्रोफेसर असलम जमशेदपुरी


सीसीएस यूनिवर्सिटी के उर्दू विभाग में समाजसेवी स्वराज कुमार जैन की याद में शोक सभा आयोजित की गई

नित्य संदेश ब्यूरो 
मेरठ। जो भी इस दुनिया में आता है उसे कभी न कभी जाना ही पड़ता है। लेकिन कितने ही लोग इस दुनिया से चले जाते हैं और उन्हें कोई याद नहीं करता, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिनके जाने से न सिर्फ उनके परिवार बल्कि पूरा समाज प्रभावित होता है और ऐसे व्यक्तित्व पल-पल याद आते हैं। स्वराज कुमार जैन एक ऐसे व्यक्तित्व थे, जिन्होंने समाज के हर वर्ग के कल्याण के लिए काम किया। जरूरतमंदों को आर्थिक मदद देना हो या शिक्षण संस्थानों की जरूरत, वे हर किसी के साथ बड़ी ईमानदारी से खड़े रहे। यह उद्गार उर्दू विभागाध्यक्ष प्रोफेसर असलम जमशेदपुरी के थे, जो प्रख्यात एवं जनप्रिय समाजसेवी श्री स्वराज कुमार जैन की स्मृति में उर्दू विभाग, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में आयोजित शोकसभा में अपना वक्तव्य दे रहे थे। 

उन्होंने आगे कहा कि स्वराज कुमार जैन अपनी सेवाओं के कारण सदैव लोगों के दिलों में जीवित रहेंगे। इससे पूर्व सईद अहमद सहारनपुरी ने पवित्र कुरान की तिलावत से कार्यक्रम की शुरुआत की। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रोफेसर असलम जमशेदपुरी ने की तथा संचालन डॉ. शादाब अलीम ने किया। इस अवसर पर विभाग के शिक्षक डॉ. आसिफ अली ने कहा कि जो लोग अपने निजी स्वार्थ से ऊपर उठकर मानवता और समाज के लिए काम करते हैं, वही लोगों के दिलों में जीवित रहते हैं। स्वराज कुमार जैन एक ऐसी शख्सियत थे, जिन्होंने हमेशा अपने स्वार्थ को त्याग कर मानवता और समाज के लिए काम किया। वे विशेष रूप से गरीबों, जरूरतमंदों और पिछड़े वर्गों के कल्याण और शिक्षा के लिए प्रतिबद्ध थे। उनका निधन परिवार के साथ-साथ समाज और साहित्यिक जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। 

डॉ. इरशाद सियानवी ने कहा कि स्वराज कुमार का निधन हमारे लिए बहुत दुखद समाचार है। स्वराज कुमार जैन देवबंद के जाने-माने सामाजिक और राजनीतिक व्यक्ति थे। वह एक धार्मिक व्यक्ति भी थे। 

इस अवसर पर उनकी पुत्री डॉ. अलका वशिष्ठ ने अपने पिता को याद करते हुए कहा कि मेरे पिता राजनीतिक और सामाजिक व्यक्ति होने के साथ-साथ शिक्षा के प्रचार-प्रसार में हमेशा अग्रणी रहे। हमने उनसे बहुत कुछ सीखा है। हमारा प्रयास रहेगा कि उनके कार्यों को आगे बढ़ाया जाए और उनके पदचिन्हों पर चला जाए। इस अवसर पर डॉ. इफ्फत जकिया, डॉ. फराह नाज, मुहम्मद शमशाद, मुहम्मद नौशाद, फरहत अख्तर समेत छात्र-छात्राएं मौजूद रहीं।

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