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Monday, June 2, 2025

पॉवर कारपोरेशन के वकीलों से लिखवाकर निदेशक वित्त ने ग्रांट थॉर्टन को दी है क्लीन चिट



ऊर्जा मंत्री बताएं निजीकरण के बाद सरकार सब्सिडी देगी या नहीं, निजीकरण के विरोध में प्रांत व्यापी विरोध प्रदर्शन 

नित्य संदेश ब्यूरो 
मेरठ। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने कहा है कि ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा यह स्पष्ट करें कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत निगम के निजीकरण के बाद सरकार निजी घरानों को सब्सिडी की धनराशि देगी या नहीं। संघर्ष समिति ने आरोप लगाया है कि ग्रांट थॉर्टन को क्लीन चिट देने के मामले में पॉवर कॉरपोरेशन के पैनल पर काम कर रहे अधिवक्ताओं से राय लेकर निदेशक वित्त ने फाइल पर क्लिन चिट दे दी है। निजीकरण के विरोध में सोमवार को 187वें दिन प्रांत व्यापी विरोध प्रदर्शन जारी रहा। प्रयागराज में बुद्धि शुद्धि यज्ञ किया गया।
           
संघर्ष समिति मेरठ के पदाधिकारियों इं सीपी सिंह (सेवानिवृत), इं कृष्ण कुमार साराश्वत, इं निखिल कुमार, इं निशान्त त्यागी, इं प्रगति राजपूत, कपिल देव गौतम, जितेन्द्र कुमार, विवेक सक्सेना, प्रदीप डोगरा आदि एवं जूनियर इंजीनियर संगठन के पदाधिकारियों राम आशीष कुशवाहा, गुरुदेव सिंह, रविंद्र कुमार, प्रेम पाल सिंह, अश्वनी कुमार आदि ने प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा से पूछा है कि वह बताएं कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के अंतर्गत आने वाले 42 जनपदों का निजीकरण हो जाने के बाद निजी कंपनी को उत्तर प्रदेश सरकार सब्सिडी की धनराशि देगी या नहीं देगी। संघर्ष समिति ने कहा कि विगत वर्ष किसानों, बीपीएल उपभोक्ताओं, बुनकरों आदि की सब्सिडी की धनराशि 22000 करोड रुपए से ऊपर की है। यह धनराशि सरकार ने सब्सिडी के रूप में दी है। ऊर्जा मंत्री और पावर कारपोरेशन के चेयरमैन घाटे के नाम पर निजीकरण करने की दलील देते समय इस धनराशि को जोड़कर घाटा बता रहे हैं। 

संघर्ष समिति ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 01 अप्रैल 2024 से किसानों को ट्यूबवेल के लिए मुफ्त बिजली देने का ऐलान किया है। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव के पहले भारतीय जनता पार्टी द्वारा जारी किए गए संकल्प पत्र में यह लिखा था कि बीपीएल उपभोक्ताओं को 03 रुपए प्रति यूनिट की दर पर बिजली दी जाएगी। इसी प्रकार बुनकरों आदि को भी लागत से कम मूल्य पर बिजली दी जाती है जो सरकार की और पार्टी की घोषित नीति के अनुसार है। अब जब निजीकरण की दलील देते समय यह कहा जा रहा है कि सरकार यह बोझ नहीं उठा सकती तो ऊर्जा मंत्री को आम जनता के सामने स्पष्ट करना चाहिए कि बिजली का निजीकरण हो जाने के बाद सरकार यह सब्सिडी की धनराशि का भार उठाएगी या नहीं जिससे निजीकरण को लेकर आम जनता धोखे में न रहे।

निजीकरण के विरोध में लगातार 187वें दिन प्रदेश भर में बिजली कर्मचारियों ने समस्त जनपदों और परियोजनाओं पर विरोध प्रदर्शन किया। प्रयागराज की पवित्र धरती पर ऊर्जा मंत्री और पावर कारपोरेशन के चेयरमैन एवं प्रबन्धन को सद्बुद्धि देने हेतु "बुद्धि शुद्धि यज्ञ" किया गया, जिसमें सैकड़ो बिजली कर्मियों ने उत्साह के साथ भाग लिया। मेरठ में दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजे तक विद्युत जानपद मण्डल प्रांगण, ऊर्जा भवन कार्यालय में हुई विरोध सभा में सभी बिजली कर्मचारियों ने निजीकरण के विरुद्ध अपनी आवाज़ बुलंद की.

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