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Friday, June 20, 2025

गंगा भारत के हृदय रची-बसी संस्कृति है: अनिल कुमार गांधी

 


-सुभारती विश्वविद्यालय में गंगा पुस्तक परिक्रमा कार्यक्रम का हुआ आयोजन

अनम शेरवानी

नित्य संदेश, मेरठ। स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय के भाषा विभाग, कला एवं सामाजिक विज्ञान संकाय तथा ललित कला संकाय एवं राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार द्वारा गंगा पुस्तक परिक्रमा कार्यक्रम का आयोजन किया गया।


इस अवसर पर भारतीय संस्कृति में गंगा का महत्व के विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में गंगा की सफाई एवं महत्व के विषय पर चित्र प्रदर्शनी व पुस्तक प्रदर्शनी भी लगाई गई। इसके साथ ही राष्ट्रीय पुस्तक न्यास द्वारा वैन लाइब्रेरी में उपलब्ध विभिन्न पुस्तकों का सभी ने अवलोकन भी किया। सत्यजीत रे प्रेक्षागृह में कार्यक्रम का शुभारंभ विख्यात इतिहासविद अनिल कुमार गांधी, लेखक डॉ. रामगोपाल भारतीय, कुलपति मेजर जनरल डॉ. जीके थपलियाल, प्रतिकुलपति कर्नल देवेन्द्र स्वरूप, कला एवं सामाजिक विज्ञान संकाय के डीन डॉ. सुधीर त्यागी, सुभारती मेडिकल कॉलेज के कम्युनिटी मेडिसन विभाग के प्रोफेसर डॉ. राहुल बंसल, भाषा विभागाध्यक्ष डॉ. सीमा शर्मा, डॉ. पिन्टू मिश्रा ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया। सुभारती विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डॉ. जीके थपलियाल ने राष्ट्रीय पुस्तक न्यास को धन्यवाद दिया। प्रख्यात लेखक डॉ. रामगोपाल भारतीय ने कहा, गंगा जहां से गुजरती है, वह स्थान तीर्थ बन जाता है।



इतिहासविद अनिल कुमार गांधी ने पुस्तक की भूमिका, गंगा के अस्तित्व एवं इतिहास के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि पुस्तक की आत्मा उसके विचार होते है, जो रचनात्मकता, तथ्य एवं प्रमाणिकता को प्रस्तुत करते है। गंगा के अस्तित्व पर कहा कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी गंगा जल में रोगाणु-नाशक गुण पाए जाते हैं। गंगा पुस्तक परिक्रमा के परियोजना प्रभारी कुलदीप ने बताया कि राष्ट्रीय पुस्तक न्यास गंगा संरक्षण व इसके प्रति जागरूकता हेतु कार्य कर रहा है। सुभारती मेडिकल कॉलेज के कम्युनिटी मेडिसन के प्रोफेसर डॉ. राहुल बंसल ने गंगा के आध्यात्मिक एवं वैज्ञानिक गुणों से सभी को रूबरू किया।



सुभारती परिवार द्वारा राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के पदाधिकारियों व अन्य सभी अतिथियों को स्मृति चिह्न प्रदान कर सम्मानित किया गया। मंच का संचालन छात्रा विधि गोस्वामी ने किया। धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम संयोजक डॉ. सीमा शर्मा ने दिया। वंदे मातरम गायन से कार्यक्रम का समापन हुआ। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के विभिन्न संकाय एवं विभाग के विद्यार्थी, शिक्षक गण आदि उपस्थित रहे।

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