उर्दू विभाग में "आलमी जायज़ा" के "इब्ने सफ़ी विशेषांक"
का विमोचन
नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के उर्दू
विभाग में आलमी जायज़ा के इब्ने सफी
विशेषांक का विमोचन मेरे लिए किसी सम्मान से कम नहीं है। यह न केवल असलम जमशेदपुरी
की गहरी अंतर्दृष्टि और साहित्यिक प्रशंसा का प्रमाण है, बल्कि इब्न सफी की कलात्मक महानता और उर्दू पाठकों के
बीच उनकी लोकप्रियता का भी प्रमाण है कि मुझे विभिन्न उर्दू संस्थाओं और शैक्षणिक
संस्थानों द्वारा इस तरह के आयोजनों की मेजबानी के लिए आमंत्रित किया जा रहा है।
ये शब्द थे आलमी जायज़ा के संपादक और आलमी उर्दू ट्रस्ट के चेयरमैन ए. रहमान के, जो उर्दू विभाग में आयोजित "इब्ने सफ़ी
विशेषांक" के विमोचन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में अपना भाषण दे रहे थे।
उन्होंने कहा कि मैंने इब्ने सफ़ी का पहला उपन्यास 66 साल पहले पढ़ा था और अब तक उनके सभी उपन्यास 66 बार पढ़ चुका हूं। लोग इब्ने सफ़ी के दीवाने थे। जो भी एक बार इब्ने सफ़ी को पढ़ता था, वह उसका दीवाना हो जाता था। कार्यक्रम की शुरुआत कारी अनीसुर रहमान द्वारा पवित्र कुरान की तिलावत से हुई। नात नुजहत अख्तर ने और फरहत अख्तर ने इब्ने सफ़ी की गजलों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रोफेसर असलम जमशेदपुरी ने की। प्रोफेसर नवीन चंद लोहनी [हिंदी विभागाध्यक्ष, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ] और मेरठ शहर काजी डॉ. जैनुल सालिकीन और दैनिक 'साइबान' एवं पत्रकारिता 'टुडे' के संपादक जावेद रहमानी ने विशेष अतिथि के रूप में भाग लिया।
कार्यक्रम का संचालन विभाग के शिक्षक डॉ. आसिफ
अली ने किया, परिचय डॉ. इरशाद स्यानवी ने, स्वागत भाषण डॉ. शादाब अलीम ने तथा धन्यवाद ज्ञापन
डॉ. अलका वशिष्ठ ने किया। इस अवसर पर डॉ. मुहम्मद यूनिस गाजी, डॉ. जय वीर सिंह राणा, डॉ. भूपेन्द्र प्रताप सिंह, डॉ. नरेन्द्र सिंह, डॉ. असलम सिद्दीकी, डॉ. इफ्फत जकिया, डॉ. शबिस्तां आस मुहम्मद, डॉ. इब्राहीम अफसर, डॉ. फराह नाज, डॉ. ताबिश फरीद, इंजीनियर रिफत जमाली, अतहर खान, दीपक शर्मा, आबिद सैफी, कशिश, अरीबा सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं मौजूद
रहे।
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