नित्य संदेश ब्यूरो
नई दिल्ली/लखनऊ। जम्मू-कश्मीर में हाल ही में हुए कायराना आतंकी हमले को लेकर उत्तर प्रदेश राज्य अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष एवं पूर्व राज्य मंत्री अशफ़ाक़ सैफ़ी ने कड़ी निंदा व्यक्त की है। उन्होंने इस जघन्य हमले को न केवल निर्दोष नागरिकों पर हमला बताया, बल्कि इसे भारत की एकता, अखंडता और लोकतांत्रिक मूल्यों पर सुनियोजित प्रहार करार दिया।
श्री सैफ़ी ने कहा, "यह आतंकवाद उन कट्टर ताक़तों की आखिरी छटपटाहट है जो भारत के विकास, लोकतांत्रिक सोच और साम्प्रदायिक सौहार्द से डरते हैं। यह हमला न केवल मानवता पर है, बल्कि हमारे संविधान की आत्मा पर भी है।" उन्होंने आतंकी हमले में वीरगति को प्राप्त नागरिकों को अश्रुपूरित श्रद्धांजलि अर्पित की और शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए कहा कि "हमारा राष्ट्र कभी भी उनकी कुर्बानी को व्यर्थ नहीं जाने देगा, दोषियों को सख्त से सख्त कार्रवाई का सामना करना होगा, उन्हें सज़ा मिलेगी" इस हमले के कारण कश्मीर के पर्यटन पर पड़े प्रभाव पर भी चिंता जताते हुए श्री सैफ़ी ने कहा कि "घाटी की खूबसूरती और शांति ही वहां की पहचान है,जिसे आतंकियों ने ठेस पहुंचाई है। पर्यटन वहां के हजारों गरीब कश्मीरी परिवारों की आजीविका है, जिसे आतंकी समाप्त करना चाहता है, लेकिन भारत उन्हें कभी सफल नहीं होने देगा।"
श्री सैफ़ी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा, "प्रधानमंत्री की संवेदनशीलता और गृहमंत्री की निर्णय क्षमता ने राष्ट्रवासियों को भरोसा और सुरक्षा का भाव दिया है। आतंकवाद के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति ही आज का समय मांगता है, और भारत अब सहन नहीं करेगा – बल्कि सटीक और निर्णायक जवाब देगा।" श्री सैफ़ी ने जम्मू-कश्मीर की आम जनता से अपील की कि वे शांति, भाईचारा और संविधान में विश्वास बनाए रखें। उन्होंने स्पष्ट किया कि "आतंक का कोई मज़हब नहीं होता, वह केवल मानवता का दुश्मन होता है।"
अपने वक्तव्य के अंत में उन्होंने कहा, "भारत एक विचार है, जिसे कोई बारूद कभी नष्ट नहीं कर सकता। यह देश सद्भाव, एकता और संवैधानिक मूल्यों से चलता है। हम सभी को मिलकर इस विचार की रक्षा करनी है।"
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