नित्य संदेश.
शीतले त्वं जगन्माता शीतले त्वं जगत्पिता।
शीतले त्वं जगद्धात्री शीतलायै नमो नमः।।
आप सभी मातृशक्तियों से निवेदन है कि आप सभी जब शीतला माता की वार्षिक पूजा करने जाए, तो कुल के अनुसार जो भी प्रसादी माता जी को अर्पित करना हो, उसको आप एक प्लास्टिक के पैकेट में रखकर, माता जी को भोग चढ़ाएं। ताकि जलार्पण के समय वह भोग प्रसादी गीली न हो।
हम प्रतिवर्ष देखते है भोग गिला हो जाने से किसी के खाने योग्य नहीं रह पाता। साथ ही मंदिरों में भी माता जी के ऊपर बहुत भोग का भार लद जाता है, जो कि शास्त्रों के अनुसार गलत पूजा पद्धति है। आप सभी मातृशक्ति बहुत श्रद्धा व शुद्धता के साथ भोग तैयार करती है, लेकिन जब वह पूजन के समय गीला हो जाता है या उस पर पूजन सामग्री जैसे कंकु, हल्दी, मेहंदी, पुष्प आदि लग जाते है तो फिर वह प्रसाद किसी भी गौ माता या जरूरतमंद व्यक्तियों के खाने के काम का नहीं रह जाता। यह सरासर प्रसाद का अपमान है।
आप अगर समझदारी से प्लास्टिक के पैकेट में लेकर भोग भेंट करेंगे तो वह खाने योग्य बना रहेगा और किसी का पेट भी भर सकेगा। हमारा सनातन धर्म हमें सदैव परोपकार करना सीखाता है। तो आप सब भी शीतला माता के पूजन के साथ यह परहित करेंगे ऐसी मुझे मेरी सभी भगिनीगण से आशा है।
अन्न के कण-कण में भगवान है और अन्न का अपमान करना हमारे शास्त्रों के विरूद्ध कार्य है। मुझे पूर्ण विश्वास है आप सब अपनी समझदारी से इस नई सोच के साथ शीतला माता की पूजा करेंगी। देखिएगा, इससे अन्न का अपमान होने से तो बचेगा ही, साथ ही जगत कल्याणी शीतला मां भी हम सब पर अधिक प्रसन्न होगी। जय माता दी!
प्रस्तुति
सपना सी.पी. साहू 'स्वप्निल'
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