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Monday, November 17, 2025

पुरुष का स्वास्थ्य भी है ज़रूरी, पेशाब या प्रजनन से जुड़ी परेशानियों को न करें नजरअंदाज



नित्य संदेश ब्यूरो

मेरठ: पुरुष अक्सर खुद को मज़बूत, सहनशील और आत्मनिर्भर मानते हैं। लेकिन जब बात स्वास्थ्य की आती है, खासकर पेशाब की नली, गुर्दे, प्रोस्टेट या प्रजनन अंगों से जुड़ी समस्याओं की, तो कई पुरुष “चलने दो” वाला रवैया अपनाते हैं। सच्चाई यह है कि शुरुआती संकेतों को नज़रअंदाज़ करना आगे चलकर गंभीर परिणाम दे सकता है।


अक्सर छोटी-छोटी चेतावनियों को तब तक नज़रअंदाज़ किया जाता है जब तक वे बड़ी समस्या का रूप नहीं ले लेतीं। किडनी स्टोन, बढ़ा हुआ प्रोस्टेट, पुरुष बांझपन, इरेक्टाइल डिस्फंक्शन या क्रॉनिक किडनी डिज़ीज़ जैसी स्थितियां शुरुआत में शांत रहती हैं, लेकिन धीरे-धीरे जीवन की गुणवत्ता, संबंधों और संपूर्ण स्वास्थ्य को प्रभावित करती हैं। मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, वैशाली के यूरोलॉजी और किडनी ट्रांसप्लांट विभाग के डायरेक्टर, डॉ. उपवन कुमार चौहान ने बताया कि “अगर पेशाब बार-बार आने लगे, पेशाब में जलन या दर्द हो, पेशाब में खून दिखे, पेशाब का फ्लो कम हो जाए, अचानक कमर या किडनी में दर्द हो, या यौन क्षमता या फर्टिलिटी में बदलाव आए – तो ये लक्षण किडनी, ब्लैडर, प्रोस्टेट या प्रजनन तंत्र से जुड़ी समस्या का संकेत हो सकते हैं। ज़्यादा वज़न, शारीरिक निष्क्रियता, हाई ब्लड प्रेशर, अनकंट्रोल्ड डायबिटीज़ और नमक का ज़्यादा सेवन – ये सभी किडनी और प्रोस्टेट से जुड़ी बीमारियों के जोखिम को बढ़ाते हैं। नियमित एक्सरसाइज़, संतुलित डाइट, पर्याप्त पानी पीना, और धूम्रपान व शराब से दूरी रखना इन बीमारियों से बचाव में मददगार हो सकता है। कई पुरुष शर्म या झिझक के कारण डॉक्टर के पास देर से जाते हैं, या सोचते हैं कि समस्या अपने आप ठीक हो जाएगी। लेकिन ऐसा करने से इलाज मुश्किल हो सकता है। 40 वर्ष से अधिक उम्र के पुरुषों को समय-समय पर प्रोस्टेट, किडनी और फर्टिलिटी से जुड़े टेस्ट ज़रूर करवाने चाहिए ताकि किसी समस्या को शुरुआती चरण में ही पकड़ा जा सके।“


आज मिनिमली इनवेसिव और रोबोटिक सर्जरी जैसी आधुनिक तकनीकों के ज़रिए ज्यादातर यूरोलॉजिकल बीमारियों का इलाज कम दर्द, कम हॉस्पिटल स्टे और तेज़ रिकवरी के साथ संभव है। इन उपचारों में अब केवल बीमारी का इलाज ही नहीं, बल्कि फर्टिलिटी, यौन क्षमता और जीवन की गुणवत्ता को सुरक्षित रखना भी प्राथमिकता है। डॉ. चौहान ने आगे बताया कि “पुरुषों का स्वास्थ्य केवल शारीरिक नहीं, बल्कि मानसिक और भावनात्मक पहलू से भी जुड़ा है। पेशाब या प्रजनन संबंधी समस्याएं तनाव, रिश्तों में दूरी और आत्मविश्वास की कमी का कारण बन सकती हैं। इसलिए अपने साथी, दोस्तों या डॉक्टर से खुलकर बात करना बहुत ज़रूरी है। अगर किसी पुरुष को बार-बार पेशाब आने, दर्द या खून दिखने, यौन क्षमता में कमी या फर्टिलिटी की चिंता जैसे लक्षण दिखें, तो उसे तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। समय पर किया गया इलाज जीवन में बड़ा अंतर ला सकता है।“


पुरुष स्वास्थ्य वास्तव में मायने रखता है। किडनी, यूरिनरी और प्रजनन तंत्र शरीर की मज़बूती, ऊर्जा और सेहत का आधार हैं। झिझक या देरी कभी भी अच्छे स्वास्थ्य के रास्ते में रुकावट नहीं बननी चाहिए। समय पर जांच कराएं, स्मार्ट रहें और स्वस्थ रहें।

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