नित्य संदेश। मैं
तीन वीडियो आपके सामने शेयर कर रहा हूं, ये वीडियो सौरभ हत्याकांड से जुड़ी हुई हैं।
इन वीडियो को देखकर मैं हतप्रभ हूं, हैरान हूं, सोचने पर विवश हूं, दिमाग सुन्न है।
कैसे, आखिर कैसे, हत्या के बाद कोई इतना खुश कैसे रह सकता है। चेहरे पर कोई शिकन नहीं,
अफसोस नहीं, पश्चाताप नहीं, डर नहीं, खौफ का निशां नहीं। किस मानसिकता के है दोनों,
ऐसा तो फिल्मों में भी नहीं होता।
पहली वीडियो की बात
करते हैं, जो 44 सेकेंड का है, इस वीडियो में मुस्कान चॉकलेट वाला बिस्कुट साहिल का
खिला रही है। ये वीडियो साहिल के बर्थ-डे वाले दिन का बताया जा रहा है। बिस्कुट खिलाने
के बाद साहिल उसके होंठों पर किस करता है। शायद ये वीडियो किसी होटल का है, जो डीजे
बज रहा है, 25 सेकेंड बाद साहिल डांस करने लगता है। वह झूमने लगता है, ऐसा लग ही नहीं
रहा कि वह किसी की हत्या करके यहां आया है। इसमें कोई शक नहीं कि ये वीडियो मुस्कान
बना रही होगी।
दूसरी वीडियो 23 सेकेंड
की है, इसमें दोनों होली के रंग में रंगे हुए हैं, साहिल हाथ की उंगलियों से इशारा
कर रहा है, एक दूसरे की बांहों में है और काफी खुश दिख रहे हैं। ये वीडियो भी मुस्कान
द्वारा ही बनाया गया, ऐसा प्रतीत हो रहा है। मुस्कान के चेहरे पर जरा सी भी शिकन नहीं
दिख रही है, उसकी खुशी बयान कर रही है, कि अपने पति सौरभ की हत्या का उसे जरा सा भी
पछतावा नहीं है। किसी की जिंदगी छीनकर कोई कैसे इतना खुश रह सकता है।
तीसरी वीडियो 20 सेकेंड
का है, यह भी मुस्कान की ही है, इसमें उसने लिखा है कि भैया कल इनका जन्म दिन है, तो
12 बजे तक केक काटना है, आप केक ले आओगे कही से…उसके बाद ऑडियो में केक मंगा रही है।
ये मांग मुस्कान ने डिलीवरी वाले से की थी।
सौरभ हत्याकांड में
मैं सबसे ज्यादा कसूरवार मुस्कान को मानता हूं, क्योंकि वह उससे ब्लाइंड मुहब्बत करता
था। अंधी मुहब्बत का जिक्र मैं पहले भी कर चुका हूं, फिर से लिखना पड़ रहा है, क्योंकि
ब्लाइंड प्यार का नशा सबसे खतरनाक होता है। इसी मुहब्बत में सौरभ ने मुस्कान को तलाक
नहीं दिया, तलाक दे देता तो शायद उसकी जान बच सकती थी। इसी ब्लाइंड प्रेम में मुस्कान
ने पति की हत्या कर दी, लेकिन साहिल को नहीं छोड़ा।
आशिक के चक्कर में
पति की हत्या, आए दिन इस तरह की घटनाएं प्रकाश में आती रहती है, रोजाना अवैध संबंधों
में पत्नियां पति को अपने आशिक के हाथों मरवा रही है। लेकिन सौरभ हत्याकांड सबसे अलग
है, इसलिए है क्योंकि हत्या के बाद मुस्कान का साहिल संग मसूरी घूमने जाना, मौज-मस्ती
करना, होली खेलना, प्रेमी का बर्थ-डे मनाना, नॉर्मल इंसान ऐसा नहीं कर सकता।
पति के सीने पर चाकू
से पहला वार करना और वह भी दिल पर, शरीर को टुकड़ों में बांट देना, ऐसा वही व्यक्ति
कर सकता है, जिसका दिमाग संतुलित न हो। हम इसे साइको का नाम दे सकते है। इस केस में
अभी और भी रहस्य खुलेंगे, जो दिमाग को हिलाकर रख देंगे…
लेखक
लियाकत मंसूरी
संपादक
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