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Tuesday, March 25, 2025

उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक पेश कर रहा है प्रतिस्पर्धी ब्याज दरें

 


नित्य संदेश ब्यूरो

नोएडा। उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक वित्तीय समावेशन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत बनाने की दिशा में लगातार प्रयास कर रहा है। अपने इस प्रयास के तहत यह माइक्रोफाइनेंस क्षेत्र में सबसे प्रतिस्पर्धी ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध करा रहा है। बैंक का पूरा ध्यान ग्राहकों को कम कीमत पर ऋण प्रदान करने पर है। इसके लिए बैंक ने अपनी ब्याज दरों में रणनीतिक रूप से कमी की है, ताकि भारत के पिछड़े समुदाय आर्थिक रूप से मजबूत बन सकें।

माइक्रोफाइनेंस उद्योग और उज्जीवन:

भारत में माइक्रोफाइनेंस उद्योग में बीते समय में बड़े बदलाव हुए हैं, यहां स्मॉल फाइनेंस बैंक छोटे आकार के उद्यमियों, कम आय वाले परिवारों और छोटे व्यवसायों को आसान कर्ज उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। जुलाई 2024 में माइक्रोफाइनेंस इंस्टीट्यूशंस नेटवर्क द्वारा पेश किए गए विनियामक बदलावों ने माइक्रोफाइनेंस उधारकर्ता को कर्ज की सुविधा प्रदान करने वाले ऋणदाताओं की संख्या को चार (और अप्रैल 2025 से तीन) तक सीमित कर दिया है। यह कदम जिम्मेदार ऋण प्रथाओं की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। इन बदलावों को देखते हुए एसएफबी ने अपने उधार देने और वसूली के तरीकों में बड़ा बदलाव किया है, जिससे और भी अधिक जिम्मेदारी से कर्ज उपलब्ध कराया जा सके, साथ ही यह भी सुनिश्चित हो कि ग्राहक गलत तरीके के कर्ज के जाल में न फंसे। उज्जीवन ने हमेशा ही जिम्मेदार तरीके से उधार देने की वकालत की है। इसी के साथ ही बैंक ने अपने ग्राहकों को कम ब्याज दरों का लाभ देने के लिए सक्रिय रूप से कदम उठाए हैं। इस प्रकार, वंचित समुदायों का एक जिम्मेदार और समावेशी बैंकिंग साथी बनने की अपनी प्रतिबद्धता के साथ उज्जीवन अपने मूल्यवान ग्राहकों के लिए कर्ज को अधिक किफायती और सुलभ बना रहा है।

भारत में विकास की संभावनाएं:

भारत की आर्थिक संरचना में बड़ा बदलाव दिखाई दे रहा है। यह पारंपरिक पिरामिड की बजाए हीरे के आकार की संरचना में बदल रही है। इसके तहत निम्न आय वाले परिवारों के बड़े आधार से मध्यम आय वर्ग का विस्तार हो रहा है। विश्व आर्थिक मंच के अनुसार, वार्षिक आय वर्ग का सामान्य वर्गीकरण इस प्रकार है: निम्न आय वाले परिवार - (2 लाख से कम), मध्यम वर्ग की ओर बढ़ते परिवार- (2 से 5 लाख), मध्यम आय वाले परिवार - (5 से 30 लाख)। भारत की आर्थिक संरचना में बदलाव के साथ ही ऐसे वित्तीय उत्पादों की जरूरत तेजी से बढ़ रही है, जो बढ़ते मध्यम आय वर्ग की जरूरतों को पूरा तो पूरा करें ही, साथ ही निम्न आय वाले परिवारों की भी मदद करें। उज्जीवन इस बदलाव को पहचानता है और किफायती बैंकिंग और वित्तीय सेवाएं प्रदान कर विभिन्न वर्गों के बीच आर्थिक अंतर को पाटने के लिए प्रतिबद्ध है। कम ब्याज दरों और सभी को कर्ज उपलब्ध कराने के प्रयास के साथ उज्जीवन व्यापक वित्तीय पहुंच सुनिश्चित कर रहा है। इसके तहत बैंक पिरामिड के निचले हिस्से में रहने वाले व्यक्तियों और व्यवसायों को वित्तीय स्थिरता प्राप्त करने और उन्हें पिरामिड में ऊपर की ओर बढ़ने में मदद कर रहा है। एसएफबी के विकास और इसमें आ रहे बदलाव के साथ ऐसे भारत के निर्माण में जहां सभी को वित्तीय सुविधाएं उपलब्ध हों, इस प्रयास में उनकी भूमिका आने वाले सालों में और अधिक महत्वपूर्ण हो जाएगी। और इस प्रकार वे देश के वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र के एक अपरिहार्य हिस्सा बन जाएंगे।

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