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Tuesday, November 12, 2024

मौलाना अबुल कलाम आजाद ने हमेशा आलोचनात्मक सोच, रचनात्मकता और जीवन भर सीखने पर दिया जोर: डॉ. साकेत बिहारी

 


डा. अभिषेक डबास

नित्य संदेश, मेरठ। मोदीपुरम स्थित शोभित इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (डीम्ड टू. बी. यूनिवर्सिटी) में स्कूल ऑफ एजुकेशन द्वारा स्वतंत्र भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद के जन्मदिवस के अवसर पर राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया गया तथा इंस्टीट्यूशंस इनोवेशन काउंसिल के अंतर्गत एक्सपर्ट लेक्चर का आयोजन किया गया

कार्यक्रम का आयोजन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉ. वीके त्यागी तथा प्रति कुलपति प्रोफेसर डॉ. जयानंद के मार्गदर्शन में स्कूल ऑफ एजुकेशन की निदेशक डॉ. शैल ढाका ने किया। कार्यक्रम में रिसोर्स पर्सन डॉ. साकेत बिहारी, सह आचार्य टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज,भागलपुर,बिहार द्वारा लेक्चर दिया गया। लेक्चर का शीर्षक एजुकेशन फॉर सोशल चेंज: आजाद फिलासफी एंड प्रैक्टिस था डॉ. साकेत बिहारी ने छात्रों को मौलाना आजाद के जीवन से परिचित कराया एवं उनके द्वारा आजादी से पहले एवं उसके बाद समाज के उत्थान के लिए किए गए कार्यों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। श्री साकेत ने शिक्षकों के छात्रों के प्रति कैसा व्यवहार होना चाहिए, इस पर भी मौलाना कलाम के विचार को साझा किया। उन्होंने ये भी बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का लक्ष्य शिक्षा प्रणाली को बदलना है, जिसमें आलोचनात्मक सोच, रचनात्मकता और जीवन भर सीखने पर जोर दिया गया है, जो मौलाना आजाद की दृष्टि से मेल खाता है। कार्यक्रम के अंत में शिक्षार्थियों की जिज्ञासाओं का समाधान किया कार्यक्रम का संचालन असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर दीपा राणा ने किया इस अवसर पर असिस्टेंट प्रोफेसर सुनील कुमार गुप्ता उपस्थित रहे

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