नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। प्रो. सुधाकराचार्य त्रिपाठी के मयूर विहार स्थित
निवास पर भागवतपुराण की कथा का आयोजन हुआ।
कथा में शुकदेव जी को
तपस्या के लिये जाते देख व्यास जी का उनको रोकना, नारद जी को वृन्दावन में भक्ति का स्त्री रुप में
मिलना व अपने असमय बूढे हुये बेटों के लिये दुखी होना। सनत्कुमारों द्वारा भागवत
महापुराण का माहात्म्य बताना व इसकी सात दिन की कथा सुनने से उनका ठीक हो जाना। धुन्धुमार, परीक्षित, अर्जुन, हिरण्याक्ष आदि की कथाओं का वर्णन
किया गया।

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