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नौवीं सिद्धिदात्री माई,
शिव ने भी सिद्धि पाई,
कृपाली सब सिद्धि दें,
मां हिय तरल है।
दात्री की है वरमुद्रा,
चक्र, शंख, पुंज, गदा,
मां की नाहर सवारी,
आसन कमल है।
एकनिष्ठ पाए सिद्धि,
त्रिलोक सुखों की वृद्धि,
मोह बंध होगे शून्य,
खुशी पल-पल है।
मां को प्रिय शतावरी,
मति, दृढ़ शौर्यकारी,
धनु राशि उपासक,
शुभ-लाभ फल है।
सपना सी.पी. साहू 'स्वप्निल'
इंदौर (म.प्र.)
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