नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय, मेरठ के अंतर्गत पन्ना धाय माँ सुभारती नर्सिंग कॉलेज द्वारा आवश्यक नवजात शिशु देखभाल विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य नवजात शिशुओं की देखभाल से जुड़ी अद्यतन जानकारी, व्यवहारिक कौशल एवं सामुदायिक स्तर पर सुरक्षित स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करना रहा।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ, जिसमें डॉ. महक, चिकित्सा अधिकारी प्रभारी, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रोहटा, मेरठ, डॉ. गीता परवंदा, सचिव, सोसाइटी ऑफ मिडवाइव्स इंडिया, उत्तर प्रदेश अध्याय एवं प्राचार्या, पन्ना धाय माँ सुभारती नर्सिंग कॉलेज, डॉ. पुलक, वरिष्ठ रेजिडेंट, चतुर्थ चरण सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, मेरठ, डॉ. (प्रो.) अम्ब्ली, विभागाध्यक्ष, प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग, पन्ना धाय माँ सुभारती नर्सिंग कॉलेज, श्री उमेश कुमार, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रोहटा, श्री राहुल, स्वास्थ्य सहायक, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रोहटा तथा श्री विक्रांत तोमर, सहायक राजस्व अधिकारी, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रोहटा की गरिमामयी उपस्थिति रही। मुख्य वक्तव्य में डॉ. गीता परवंदा ने नवजात शिशुओं में बीमारी की प्रारंभिक पहचान एवं त्वरित रेफरल हेतु अद्यतन दिशानिर्देशों पर विस्तार से प्रकाश डाला। डॉ. पुलक ने सामुदायिक परिवेश में सुरक्षित एवं मानकीकृत नवजात शिशु देखभाल पद्धतियों को बढ़ावा देने पर सत्र लिया। असिस्टेंट प्रोफेसर कोमल सक्सेना द्वारा आवश्यक नवजात शिशु देखभाल का व्यवहारिक प्रदर्शन प्रस्तुत किया गया। हिमालय वेलनेस कंपनी के प्रतिनिधि ने शिशु देखभाल में गुणवत्ता युक्त उत्पादों के महत्व पर विशेष सत्र लिया। सामान्य नर्सिंग एवं मिडवाइफरी अंतिम वर्ष के छात्रों द्वारा नवजात शिशु देखभाल पर आधारित रोल प्ले प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम में 105 सहायक नर्स एवं मिडवाइफ ने सहभागिता की। अंत में डॉ. (प्रो.) अम्ब्ली द्वारा धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया गया। यह कार्यक्रम डॉ. (प्रो.) अम्ब्ली, असिस्टेंट प्रोफेसर कोमल सक्सेना, असिस्टेंट प्रोफेसर सौम्या तथा ट्यूटर कविता द्वारा डॉ. गीता परवंदा, प्राचार्या, पन्ना धाय माँ सुभारती नर्सिंग कॉलेज के मार्गदर्शन में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
वहीं दूसरी ओर, विश्वविद्यालय स्थित स्वामी विवेकानंद शोध पीठ द्वारा रामकृष्ण मठ, पुणे के सहयोग से स्वामी विवेकानंद के जीवन, दर्शन एवं साहित्यिक योगदान पर आधारित दो दिवसीय पुस्तक प्रदर्शनी का विधिवत उद्घाटन किया गया। यह आयोजन विद्यार्थियों को भारत की समृद्ध आध्यात्मिक, दार्शनिक एवं बौद्धिक विरासत से जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल रहा। पुस्तक प्रदर्शनी का उद्घाटन मुख्य अतिथि प्रख्यात फिल्म निर्देशक श्री अमलान कुसुम घोष, कोलकाता एवं विश्वविद्यालय के कुलसचिव, सेवानिवृत्त समूह कप्तान एम. याकूब द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। इस अवसर पर रामकृष्ण मठ, पुणे के पुस्तकालय सहायक श्री विवेक नवाले की उपस्थिति ने कार्यक्रम को विशेष शैक्षणिक एवं साहित्यिक गरिमा प्रदान की।
उद्घाटन समारोह का शुभारंभ विश्वविद्यालय परिसर में स्थापित स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा पर पुष्पार्पण एवं माल्यार्पण के साथ हुआ। इसके पश्चात श्री अमलान कुसुम घोष द्वारा फीता काटकर पुस्तक प्रदर्शनी का औपचारिक उद्घाटन किया गया। इस अवसर पर डॉ. चेतन विशाल गर्ग, डॉ. सुधीर, डॉ. संदीप चौधरी, डॉ. पिंटू मिश्रा, डॉ. इंद्रनील बोस एवं डॉ. रितेश सहित विभिन्न संकायों के शिक्षकों एवं विभागाध्यक्षों ने स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों के विद्यार्थियों ने बड़ी संख्या में कार्यक्रम में सहभागिता करते हुए प्रदर्शनी में गहरी रुचि दिखाई। पुस्तक प्रदर्शनी में स्वामी विवेकानंद के मौलिक ग्रंथ, वेदांत दर्शन पर आधारित व्याख्यात्मक रचनाएँ, जीवनियाँ एवं उनके विचारों से प्रेरित समकालीन साहित्य का सुव्यवस्थित संग्रह प्रस्तुत किया गया। इन ग्रंथों के चयन एवं प्रस्तुति में श्री विवेक नवाले का महत्वपूर्ण योगदान रहा। इस आयोजन का सफल समन्वय प्रो. (डॉ.) मोनिका मेहरोत्रा, प्रोफेसर एवं संयोजिका, स्वामी विवेकानंद शोध पीठ के कुशल मार्गदर्शन में संपन्न हुआ। उन्हें डॉ. अजय कुमार वर्मा का सक्रिय सहयोग प्राप्त हुआ।


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