-कलश यात्रा के बाद सरधना में हुआ ऋषभदेव महाकथा का शुभारंभ
नित्य संदेश ब्यूरो
सरधना। कलश यात्रा के बाद ऋषभदेव महाकथा का शुभारंभ हुआ। विद्योदय निलय तीर्थ क्षेत्र में कथा सुनने के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी।
उत्तर प्रदेश सरकार के राजकीय अतिथि क्रांतिवीर मुनि 108 प्रतीक सागर महाराज ने कथा करते हुए बताया कि भगवान ऋषभदेव जैन संस्कृति के प्रथम तीर्थंकर हैं। जिनको जैन संस्कृति में भगवान ऋषभदेव भगवान आदिनाथ, भगवान ऋषभ नाथ के नाम से जाना जाता है। जिनकी आराधना की जाती है। उन्हीं तीर्थंकर भगवान की सनातन धर्म में ब्रह्मा के रूप में पूजा भक्ति की जाती है। तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव की मुस्लिम संस्कृति में बाबा आदम के नाम से उपासना होती है। महाकथा के दौरान ध्वजारोहण रजनीश जैन, सचिन जैन ने मंडप का उद्घाटन किया। सुरेंद्र जैन, आशीष जैन ने चित्र अनावरण व दीप प्रज्ज्वलित व पाद प्रक्षालन प्रवीण जैन, शुभम जैन व रजत जैन परिवार ने किया।
मुनि द्वारा कथा का शुभारंभ भगवान ऋषभदेव के दस भव महाबल पर्याय से प्रारंभ हुआ। इस दौरान कथा में भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे। संचालन प्रतिष्ठाचार्य आचार्य पंडित नरेश कुमार जैन हस्तिनापुर द्वारा किया गया। अंत में भगवान ऋषभदेव की आरती हुई। पंकज जैन, सौरभ जैन, ऋषभ जैन, अनिल जैन, अनुज जैन, कमल जैन, आशीष जैन, विजय जैन, गौरव जैन, नमन जैन, राजीव जैन, कुणाल जैन व सोमिल जैन आदि मौजूद थे।
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