-घटना से आक्रोशित किसानों ने सुबह सवेरे टोल पर दिया
धरना, गुड़गुड़ाया हुक्का
नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। परतापुर स्थित कांशी टोल प्लाजा पर गुरुवार सुबह
उस समय हंगामा खड़ा हो गया, जब किसानों ने आरोप लगाया कि टोल कर्मचारी अपना नाम और
पहचान बदलकर नौकरी कर रहा है। भाकियू (टिकैत) के जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी के नेतृत्व
में सैकड़ों किसान धरने पर बैठ गए। धरने में किसानों का हुक्का भी गुड़गुड़ाया, वहीं
कई टोल लेन ठप हो गईं। टोल की लेन नंबर 8, 9 और 10 पूरी तरह प्रभावित रहीं।
जानकारी के मुताबिक, कांशी टोल प्लाजा पर शिफ्ट इंचार्ज
के पद पर तैनात शुनमुन खान खुद को ‘सुमित राणा’ बताकर काम कर रहा है। किसानों का कहना
है कि जब एक किसान ने उसे सलाम करके नाम पूछा तो उसने अपना परिचय बदल दिया। शक होने
पर किसानों ने उससे कागज और पहचान पूछी, तब मामला खुला। किसानों ने आरोप लगाया कि कर्मचारी
ने न केवल फर्जी नाम रखा, बल्कि किसानों से अभद्रता भी की। सूचना मिलते ही मौके पर
भारी पुलिसबल तैनात कर दिया गया और प्रशासन किसानों को शांत कराने में जुट गया। जिलाध्यक्ष
ने बताया कि देर रात्रि संगठन मवाना ब्लॉक अध्यक्ष नवीन के साथ अभद्र व्यवहार किया
गया, उसके बाद जिला उपाध्यक्ष सनी प्रधान, जो कि अपने परिवार की महिलाओं के साथ गाजियाबाद
से शादी समारोह से लौट रहे थे, उन्होंने परिचय, अपना आई कार्ड इत्यादि भी दिखाया, इसके
बाद बेहद क्रूर और अभद्र व्यवहार किया गया, जैसे कि उक्त इंचार्ज, जो कि सुमित राणा
अपना नाम बता रहा था कि नशे में हो। सनी प्रधान ने उनको सूचना दी। जानकारी पर वे खुद
टोल प्लाजा पहुंचे और परिवार को घर भेजकर धरने पर बैठ गए। उक्त कर्मचारी को बुलाने
की मांग करने पर टोल प्लाजा प्रबंधक ने बताया कि सुमित राणा नाम का कोई व्यक्ति टोल
पर नहीं है, शिफ्ट इंचार्ज अन्य कोई व्यक्ति है। थाना अध्यक्ष परतापुर समेत अन्य पुलिसकर्मी
भी पहुंच गए, जब वह कर्मचारी नहीं माना तो उसे शिफ्ट इंचार्ज के कार्य से पदमुक्त कर
दिया गया। टोल प्लाजा प्रबंधक दिनेश खोखर ने आगे इस प्रकार की समस्या न उत्पन्न होने
का वायदा किया। इस दौरान हर्ष, सनी प्रधान, बबलू सिसौला, विक्रांत सांगवान, हर्ष, दिवाकर,
रघुवंश, चेतन, दिलशाद, आमिर, मोनू, सुधीर,अर्जुन, धर्मपाल, रमेश शर्मा, रणवीर आदि मौजूद
रहें।
शौचालय का गंदा पानी जा रहा खेतों में
जिलाध्यक्ष के अनुसार, काशी टोल प्लाजा के शौचालय का गंदा
पानी, जो कि टैंक से ओवरफ्लो होकर वेस्टेज इत्यादि अच्छरोड़ा के किसानों के लगभग
15 किसानों के खेत और चकरोड, खेत जाने के मुख्य रस्ते में डाला जा रहा है। किसानों
का आना-जाना दूभर हो रहा है। कई बार मांग करने पर उन्होंने इस वेस्टेज को रोकने की
दिशा में कोई कार्य नहीं किया, जिससे किसान और कार्यकर्ता नाराज हैं।
सत्यापन के बाद रखे जाए कर्मचारी
सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने और आगे से किसानों के खेत
में वेस्टेज न भेजे जाने का आश्वासन दिया गया, जिस पर भाकियू जिलाध्यक्ष ने धरना प्रदर्शन
इस चेतावनी के साथ स्थगित किया कि किसान-जवान के सम्मान में कभी कोई समस्या न हो और
कर्मचारियों का सत्यापन करके ही टोल प्लाजा पर रखा जाए।
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