-NCRP पोर्टल पर दर्ज शिकायतों से सम्बन्धित 2001 मोबाइल
व 259 IMEI ब्लॉक
लियाकत मंसूरी
नित्य संदेश, मेरठ। साइबर अपराधों की रोकथाम, आर्थिक
धोखाधड़ी के मामलों में प्रभावी कार्रवाई की गई है। पीड़ितों को शीघ्र राहत प्रदान
करने के उद्देश्य से डीआईजी रेंज कलानिधि नैथानी ने परिक्षेत्र के समस्त जनपदों को
इस संबंध में कड़े निर्देश दिए। जिसका असर दिखाई दिया। NCRP पोर्टल पर पंजीकृत शिकायतों,
एफआईआर, मोबाइल/IMEI ब्लॉकिंग तथा म्यूल बैंक खातों के विरुद्ध कड़ा एक्शन लिया गया।
NCRP पोर्टल पर 2001 शिकायत दर्ज हुई। जिसके उपरान्त मोबाइल
नम्बरों को ब्लॉक किया गया, जिनमें मेरठ 785, बुलंदशहर 777, बागपत 153 एवं हापुड़ में
286 रहें। ब्लॉक किए गए IMEI नंबरों की संख्या 259 रहीं। जिसमें मेरठ 55, बुलंदशहर
83, बागपत 42 एवं हापुड़ में 79 रहें। प्रतिबिम्ब पोर्टल पर प्रदर्शित संदिग्ध मोबाइल
नंबरों के विरूद्ध कार्रवाई 761 रहीं। मेरठ 415, बुलंदशहर 130, बागपत 76 एवं हापुड़
में 140 रहें। NCRP पोर्टल पर शिकायतों में प्रकाश में आए म्यूल बैंक खातों की संख्या
1286 रहीं। (ऐसा खाता जिसका इस्तेमाल अपराधी अवैध रुप से अर्जित धन को वैध दिखाने के
लिए करते हैं।) मेरठ 733, बुलंदशहर 56, बागपत 430, हापुड़ में 67 रहें। डेबिट फ्रीज
कराए गए म्यूल बैंक खातों की संख्या 290 रहीं। मेरठ 82, बुलंदशहर 56, बागपत 85 एवं
हापुड़ में 67 रहें। फ्रॉड धनराशि के सापेक्ष लीन कराई गई धनराशि 10.5 करोड़ रही। जिनमें
मेरठ 05 करोड़, बुलंदशहर 03 करोड़, बागपत 85 लाख एवं हापुड़ में 1.6 करोड़ रहें।
1814 हुए साइबर जागरूकता के कार्यक्रम
डीआईजी ने बताया कि ₹05 लाख या उससे अधिक धनराशि के प्रकरणों में पंजीकृत
FIR 90 रहीं। जिनमें मेरठ 39, बुलंदशहर 28, बागपत 2 एवं हापुड़ में 21 प्रकरण रहें।
इन सबके अलावा NCRP पोर्टल पर दर्ज शिकायतों का निस्तारण 7805 रहा। मेरठ में निस्तारित
के 4086, बुलंदशहर 2567, बागपत 577 एवं हापुड़ में 575 रहें। साइबर जागरुकता के लिए
1814 कार्यक्रम हुए।
जनता को साइबर सुरक्षा के प्रति किया जागरूक
जनता को साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक किया गया। परिक्षेत्र
के जनपदों को डीआईजी द्वारा दिशा–निर्देश दिए गए, जिनमें बताया गया कि NCRP पोर्टल
पर प्राप्त प्रत्येक शिकायत का समयबद्ध एवं गुणवत्तापूर्ण निस्तारण सुनिश्चित किया
जाए। म्यूल बैंक खातों के विरुद्ध त्वरित डेबिट फ्रीज एवं वैधानिक कार्रवाई की जाए।
मोबाइल नंबर एवं IMEI ब्लॉकिंग की प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी बनाया जाए। आमजन को
साइबर अपराधों से बचाव एवं NCRP पोर्टल के उपयोग के प्रति निरंतर जागरूक किया जाए।
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