नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। जमीयत उलमा के प्रांतीय सचिव क़ारी अब्दुल मुईद
ने मेरठ के विभिन्न दीनी और शैक्षणिक संस्थानों का दौरा किया। वक़्फ़ संपत्तियों के
उम्मीद पोर्टल पर पंजीकरण तथा एसआईआर से जुड़ी प्रक्रियाओं को गंभीरता से पूरा करने
की अपील की। उन्होंने कहा कि वक़्फ़ संपत्तियों का संरक्षण समय की सबसे बड़ी ज़रूरत
है और इसमें देरी नुकसानदायक साबित हो सकती है।
अपने बयान में मौलाना नबील अहमद कमालपुरी (अध्यक्ष जमीयत
उलमा ज़िला मेरठ) ने नई पीढ़ी के ईमान, अक़ीदे और दीनी प्रशिक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता
देने पर ज़ोर दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि जमीयत उलमा कोई राजनीतिक मंच नहीं, बल्कि
एक ख़ालिस दीनी, शैक्षणिक और फ़लाही तंज़ीम है, जो हर जगह बिना किसी भेदभाव के जनता
की सेवा के लिए हमेशा तैयार रहता है। परीक्षितगढ़ स्थित मकतब मुसतफ़ाई मस्जिद में क़ारी
मोहम्मद आरिफ़ ने संगठित मकतबी प्रणाली की अहमियत पर बल देते हुए कहा कि ऐसे अनुशासित
और बेहतर मकतब हर मस्जिद में स्थापित होने चाहिए, ताकि हमारी नई पीढ़ी मज़बूत, दीनदार,
बुनियादों पर आगे बढ़ सके।
दौरे में शामिल प्रमुख स्थानों में मदरसा इस्लामिया अरबिया
फ़ैज़ुल इस्लाम (जई), मस्जिद इमाम-ए-आज़म अबू हनीफ़ा (पचपेड़ा), दारुल उलूम रहमानिया
(अब्दुल्लाहपुर) और मदरसा अफ़ज़लुल उलूम (ज्ञाननपुर) शामिल थे। हर जगह जनता और ज़िम्मेदार
व्यक्तियों ने इस जागरूकता अभियान का गर्मजोशी से स्वागत किया। इस अवसर पर जमीयत उलमा
से हाफ़िज़ मोहम्मद बाक़र अली, मौलाना नबील अहमद कमालपुरी, क़ारी मोहम्मद वासिफ़, मुफ़्ती
मोहम्मद शादाब, मौलाना आबिद, मौलाना नोशाद, मौलाना सईद अहमद नदवी, क़ारी फ़ुरक़ान,
हाफ़िज़ सैफुल इस्लाम और अन्य सदस्य बड़ी संख्या में मौजूद रहें।

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