नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ: स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय परिसर इन दिनों विविध गतिविधियों का केंद्र बना हुआ है, जहाँ एक ओर प्रसिद्ध बुद्ध मेले में आध्यात्मिक शांति और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दर्शकों को आकर्षित कर रही हैं, वहीं दूसरी ओर पत्रकारिता और लिबरल आर्ट्स विभागों द्वारा छात्रों के कौशल विकास हेतु विशेष कार्यशालाओं और व्याख्यानों का आयोजन किया जा रहा है।
बुद्ध मेले में तनावमुक्त जीवन की कला और भव्य प्रस्तुतियाँ
विश्वविद्यालय में चल रहे बुद्ध मेले के चौथे दिन लोगों की भारी भीड़ उमड़ी। इस अवसर पर ब्रह्माकुमारीज़ संस्था द्वारा 'तनावमुक्त जीवन जीने की कला' विषय पर एक विशेष व्याख्यान आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगों को, विशेषकर युवाओं को, प्रसन्न रहने का मार्ग दिखाना था। इस सत्र में ब्रह्माकुमारीज़ श्रद्धापुरी केंद्र से बीके नेहा बहन, बीके राजकिरण भाई, बीके रामेंद्र भाई, बीके मयंक भाई, और बीके निक्की बहन ने अपने विचार रखे। साथ ही, बीके अनिता बहन, बीके प्रेम भाई, बीके पुरुषोत्तम भाई और बीके विनोद भाई ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इस आध्यात्मिक व्याख्यान ने उपस्थित जनसमूह पर गहरा प्रभाव डाला।
इसके अतिरिक्त, पॉलिटेक्निक के विद्यार्थियों द्वारा जातक कथाओं पर आधारित प्रसिद्ध अंगुलिमाल डाकू की कथा का जीवंत नाट्य मंचन किया गया, जिसकी दर्शकों ने मुक्त कंठ से प्रशंसा की। तथागत के संदेशों को जन-जन तक पहुँचाने के लिए बुद्ध संगीत का भी आयोजन किया गया, जिसने संगीतमय प्रस्तुतियों के माध्यम से शांति और करुणा का संदेश फैलाया। वहीं राधा-कृ्ष्ण झांकी और मयूर नृत्य की भी विशेष प्रस्तुति रही।
पत्रकारिता विभाग में 'प्रॉम्प्टर रीडिंग' पर कार्यशाला
पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग ने सुभारती मीडिया लिमिटेड के सहयोग से “प्रॉम्प्टर रीडिंग भी एक कला है” विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया। इसका संचालन विभाग की सहायक आचार्या डॉ. प्रीति सिंह ने किया। उन्होंने छात्रों को टेलीप्रॉम्प्टर से समाचार पढ़ने की तकनीक, उच्चारण, हाव-भाव और कैमरे से आई-कॉन्टैक्ट बनाए रखने जैसे महत्त्वपूर्ण पहलुओं पर प्रशिक्षण दिया।
सुभारती मीडिया के निदेशक प्रो. आर. पी. सिंह ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रभावी प्रॉम्प्टर रीडिंग के लिए आत्मविश्वास और निरंतर अभ्यास आवश्यक है। कार्यशाला के अंत में छात्रों ने लाइव प्रॉम्प्टर रीडिंग का अभ्यास किया। इस आयोजन में सुभारती मीडिया के एक्सिक्यूटिव प्रोड्यूसर गुंजेश ओझा और पीसीआर मैनेजर राजकुमार नागर का विशेष सहयोग रहा।
लिबरल आर्ट्स विभाग द्वारा सॉफ्ट स्किल्स और साइबर सुरक्षा पर व्याख्यान लिबरल आर्ट्स एंड ह्यूमैनिटीज विभाग द्वारा दिनांक 14 अक्टूबर 2025 को दो विशेष व्याख्यानों का आयोजन किया गया। पहला व्याख्यान डॉ. रफ़त खानम द्वारा “सॉफ्ट स्किल्स और विकसित भारत 2047” विषय पर था। उन्होंने बताया कि संवाद कौशल और नेतृत्व क्षमता जैसे सॉफ्ट स्किल्स 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए अनिवार्य हैं।
दूसरा व्याख्यान प्रो. ज्योति गौर एवं डॉ. शालू नेहरा ने “साइबर अपराध: जागरूकता, रोकथाम और जिम्मेदारी” विषय पर दिया। उन्होंने फ़िशिंग, डेटा चोरी और ऑनलाइन फ्रॉड जैसे साइबर अपराधों से बचने के उपायों पर चर्चा की और छात्रों को जागरूक डिजिटल नागरिक बनने के लिए प्रेरित किया।
कार्यक्रम में वरिष्ठ संकाय सदस्य डॉ. मनोज कुमार त्रिपाठी, डॉ. मनीषा पुंडीर, डॉ. नियति, श्रीमती भावना जोशी, श्री अंकित कुमार, डॉ. दिनेश, डॉ. लवली, डॉ. मोहिनी मित्तल, डॉ. सरिता, डॉ. अजय कुमार वर्मा, सुश्री जूली, तथा डॉ. कपिल उपस्थित रहे। कार्यक्रम का सफल संयोजन डॉ. अमृता चौधरी एवं डॉ. किरन रानी पंवार द्वारा किया गया, जबकि मंच का संचालन मंजीत कुमार एवं महक ने किया।
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