नित्य संदेश। जब हमारी त्वचा और उसके नीचे के ऊतक चोटिल होते हैं, तो शरीर की प्राकृतिक सुरक्षा प्रणाली तुरंत सक्रिय हो जाती है। यह न केवल खून बहना रोकती है बल्कि शरीर को हानिकारक जीवाणुओं से भी बचाती है। साथ ही, घाव को भरने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है।
इस प्रक्रिया के दौरान घाव पर एक पपड़ी (scab) बनती है। यह पपड़ी घाव को ढककर उसे सुरक्षित रखती है और अंदर से ऊतक धीरे-धीरे ठीक होने लगते हैं। लगभग 8–10 दिनों बाद यह पपड़ी सूखने लगती है और इसमें खुजली या जलन का अहसास होना सामान्य है।
ध्यान रखने योग्य बातें
* पपड़ी को न खुरचें– खुजली के कारण यदि आप इसे खुरचते हैं तो घाव भरने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है। साथ ही, संक्रमण (infection) का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
* घाव को सूखा रखें साफ-सफाई और सूखापन घाव को सुरक्षित रखता है।
* हल्की क्रीम या तेल का प्रयोग करें – खुजली या जलन कम करने के लिए किसी भी मुलायम मॉइस्चराइजिंग क्रीम या तेल का प्रयोग किया जा सकता है।
निष्कर्ष
घाव भरना एक प्राकृतिक और क्रमबद्ध प्रक्रिया है। पपड़ी को शरीर की सुरक्षा ढाल मानें और उसे खुरचने से बचें। थोड़ी सावधानी और धैर्य से शरीर स्वयं पूरी तरह स्वस्थ हो जाता है।
प्रस्तुति
डॉ. अनिल नौसरान
संस्थापक – *Cyclomed Fit India*
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