नित्य संदेश। विकसित भारत के स्वप्नदृष्टा यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्म 17 सितंबर 1950 को गुजरात के वडनगर में चाय विक्रेता पिता दामोदरदास मूलचंद मोदी और माता हीराबेन मोदी के एक अति साधारण परिवार में हुआ। उनके माता-पिता ने अपने बच्चों में प्रारंभ से ही नैतिकता और कठिन परिश्रम के मूल्यों का बीज बोया। उसी श्रमसाध्य और युक्तियुक्त जीवन से बने भारत के चौदहवें प्रधानमंत्री का जन्मदिन केवल एक तिथि नहीं, बल्कि हर भारतीय के लिए एक संकल्प का उत्सव है। यह उस स्वप्नदृष्टा के जीवन का अभिनंदन है, जिसने अपने समर्पण और अटूट निष्ठा से स्वयं के साथ हमारे भी सपनों का भारत गढ़ने का दृढ़ संकल्प लिया है।
उनकी भारत के साथ ही वैश्विक लोकप्रियता का कोई सानी नहीं है। अमेरिकी रिसर्च फर्म मॉर्निंग कंसल्ट के सर्वे के अनुसार, मोदी जी 71% से 75% की अप्रूवल रेटिंग के साथ विश्व के सबसे लोकप्रिय नेता हैं। यह प्रसिद्धि किसी राजनीतिक दांव-पेंच का परिणाम नहीं, बल्कि जन-मन में उनके प्रति उपजे विश्वास, सम्मान और प्रेम की अभिव्यक्ति है।
नरेंद्र दामोदरदास मोदी, लोकतंत्र की शक्ति के वे जननायक हैं जो एक साधारण परिवार से उठकर, भारत सहित वैश्विक पटल पर छाने वाली असाधारण गाथा बन चुके हैं। यह किसी से नहीं छिपा कि उनका बचपन विषम परिस्थितियों और संघर्षों में बीता। नरेंद्र बचपन में स्कूल के बाद अपने पिता की चाय की दुकान पर हाथ बटाते थे, जो उनकी विनम्रता और जमीनी जुड़ाव को दर्शाता है। किशोरावस्था में ही उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़कर देशभक्ति और समाजसेवा की नींव रखी। उनके जीवन के प्रारंभिक वर्ष हिमालय यात्रा और आध्यात्मिक शोध में बीते, जहां उन्होंने भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को गहनता से जाना। यह अनुभव उनके चरित्र को गढ़ने में महत्वपूर्ण रहे, जो आज भी उनके नीतिगत निर्णयों में साफ झलकते हैं।
उनकी राजनीतिक यात्रा में उनका नेतृत्व भारत में परिवर्तन का प्रतीक है। एक साधारण आरएसएस प्रचारक के रूप में उन्होंने संगठनात्मक कौशल और नेतृत्व की कला सीखी। 2001 में गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने 13 वर्षों तक राज्य को विकास का मॉडल बनाया, जिसमें औद्योगिक प्रगति, बुनियादी ढांचे का विकास और निवेश में अभूतपूर्व वृद्धि हुई। 2014 में भारत के प्रधानमंत्री बनने के पश्चात उन्होंने देश को एक नई दिशा दी। उनकी कार्यशैली में स्पष्ट दृष्टि, जनता से सीधा संवाद और पारदर्शिता उनकी लोकप्रियता का आधार बने। मन की बात जैसे कार्यक्रमों ने जनता और सरकार के बीच की दूरी को कम किया, जबकि सोशल मीडिया के माध्यम से जनता से जुड़ाव ने उन्हें जन-जन का नेता बनाया। वे यह प्रसिद्धि अटल निश्चय और कठिन परिश्रम से प्राप्त कर पाए। यह उनकी व्यावहारिकता और निष्ठा का ही प्रमाण है कि वे 38 वर्षों से राजनीति में एक सक्रिय और सफल जननायक के रूप में प्रतिष्ठित हैं। मोदी जी के जीवन की सबसे बड़ी विशेषता यह रही है कि उन्होंने हर जटिल परिस्थिति को अवसर में बदला है। उनका संपूर्ण जीवन चरित्र, त्याग, सादगी, राष्ट्रहित और राष्ट्रसेवा के प्रति अटूट निष्ठा का प्रतीक है।
मोदी जी के नेतृत्व में हुए देशहित के ऐतिहासिक कार्य सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास मंत्र का साकार रूप हैं। उनका देश को न झुकने देने का संकल्प ही है कि भारत आज अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के अनुसार दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। उनके आर्थिक सुधार और आत्मनिर्भरता में मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, और आत्मनिर्भर भारत जैसे अभियानों ने भारत को वैश्विक आर्थिक शक्ति के रूप में स्थापित किया है। स्टार्टअप इंडिया ने युवाओं को उद्यमिता के लिए प्रेरित किया है और जीएसटी ने अर्थव्यवस्था को एकीकृत और पारदर्शी बनाया है।
वहीं, सामाजिक समावेशन और एकीकरण में प्रधानमंत्री जन धन योजना ने करोड़ों लोगों को बैंकिंग व्यवस्था से जोड़ा। पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना में मुफ्त खाद्यान्न, उज्ज्वला योजना ने गरीब महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन और आयुष्मान भारत ने दीन-हीन को स्वास्थ्य सुरक्षा का कवच प्रदान किया है। साथ ही स्वच्छ भारत अभियान में 11 करोड़ शौचालय का निर्माण होना सराहनीय है। यह केवल स्वच्छता तक सीमित नहीं है, बल्कि इसने जनता में जिम्मेदारी और जागरूकता की भावना भी जागृत की है, जिससे गांव-शहरों में स्वच्छता का स्तर बढ़ा है।
मोदी जी के नेतृत्व में सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पुनर्जागरण के अंतर्गत राम मंदिर का निर्माण, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, महाकाल लोक, ओंकारेश्वर में मंदिर विकास, पावागढ़ महाकाली माता मंदिर पुनर्विकास परियोजना, उत्तराखंड में केदारनाथ धाम जीर्णोद्धार, गुजरात में सोमनाथ मंदिर विकास परियोजना और जम्मू-कश्मीर के कई प्राचीन मंदिरों का पुनरुद्धार हुआ। इन धार्मिक स्थलों के जीर्णोद्धार सहित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी (सरदार वल्लभ भाई पटेल की 787 फीट ऊंची प्रतिमा) और स्टैच्यू ऑफ वननेस (शंकराचार्य की 108 फीट ऊंची प्रतिमा) जैसी परियोजनाएं, महाकुंभ, सिंहस्थ 2028 के विकास कार्य, भारतमाला व सागरमाला जैसी बड़ी इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाएं प्रशंसनीय हैं। इसके अलावा, सड़कों, मेट्रो नेटवर्क और हवाई अड्डों के विकास में जो प्रगति हुई है, वह भारत की प्राचीन विरासत को आधुनिकता के साथ जोड़ता है।
मोदी जी के नेतृत्व में भारतीय सेना भी बहुत मजबूत हुई है। हमारी जिस सेना के पास पहले 20 दिनों तक के लिए पर्याप्त युद्ध सामग्री और गोला-बारूद उपलब्ध नहीं था, वह आज दुनिया की सबसे बड़ी सैन्य शक्तियों में से एक है। ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स के अनुसार, यह चौथी सबसे शक्तिशाली सेना है और इसका रक्षा बजट भी दुनिया के सबसे बड़े बजट में से एक है। इन रक्षा उपकरणों में आयात पर निर्भरता कम करके स्वदेशी विनिर्माण पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
इसके अतिरिक्त, विदेश नीति और वैश्विक नेतृत्व में नेबरहुड फर्स्ट (पड़ोसी पहले) नीति, जी-20 में भारत की मेजबानी, और इंटरनेशनल सोलर अलायंस जैसी पहल ने भारत को वैश्विक मंच पर पर्यावरण संरक्षण और कूटनीति में अग्रणी बनाया है। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व और समर्पण ने भारत को एक समृद्ध, आत्मनिर्भर और सशक्त राष्ट्र बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं। हमारे प्रधानमंत्री के प्रयास केवल नीतियां बनाने तक सीमित नहीं रहे, बल्कि उन्होंने परिवर्तन को एक जन-आंदोलन बना दिया है।
स्वच्छता, स्वास्थ्य, तकनीकी सशक्तिकरण, डिजिटल पारदर्शिता और आत्मनिर्भरता के सभी कार्यों ने मोदी जी के सपनों के भारत को साकार रूप दिया है। उन्होंने भारत के योग को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई और वसुधैव कुटुंबकम के भारतीय दर्शन को विश्व के सामने रखा। उनकी कूटनीति ने भारत को एक मजबूत और निर्णायक शक्ति के रूप में स्थापित किया है। उनके नेतृत्व में हुए कार्य उनकी दूरदर्शिता और राष्ट्रहित के प्रति उनकी गहरी निष्ठा को दर्शाते हैं।
उनके भारत और विश्व के लिए किए गए अथक प्रयासों, वैश्विक शांति तथा मानव कल्याण के प्रति उनके योगदान को देखते हुए, यह कहना अनुचित नहीं है कि उन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया जाना चाहिए। चाहे वह शांति का नोबेल हो या किसी अन्य श्रेणी का, उनके कार्य मानवता के लिए एक मिसाल हैं। उन्होंने न केवल भारत को विकास के पथ पर अग्रसर किया है, बल्कि अपनी नीतियों और वैश्विक दृष्टिकोण से विश्व को भी एक नई दिशा दी है।
मोदी जी के जन्मोत्सव पर हम सब मिलकर उनके सपनों के नए भारत को साकार करने का संकल्प लें। उनका जीवन और उनके कार्य हमारे लिए प्रेरणा के प्रतीक हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी न केवल भारत के गौरव हैं, बल्कि विश्व के लिए एक प्रेरणा हैं और नोबेल पुरस्कार जैसे सम्मान उनके योगदान को वैश्विक मान्यता देंगे।
जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं, यशस्वी प्रधानमंत्री जी!
प्रस्तुति
सपना सी.पी. साहू 'स्वप्निल'
इंदौर (म.प्र.)
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