नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। “सेवा ही मानवता का शृंगार है और करुणा ही उसके प्राण”— इसी आदर्श को आत्मसात करते हुए नारायण सेवा संस्थान एवं रोटरी क्लब मेरठ शिवम के संयुक्त तत्वावधान में आगामी 21 सितम्बर को गढ़ रोड स्थित ला फ्लोरा रिसोर्ट पर एक विराट निःशुल्क नारायण लिंब एवं कैलिपर्स फिटमेंट शिविर का आयोजन होने जा रहा है। प्रातः 8 बजे से संध्या 6 बजे तक चलने वाले इस शिविर में 223 चयनित दिव्यांगजनों को 275 कृत्रिम हाथ-पैर प्रदान कर उन्हें आत्मनिर्भर जीवन की नई ओर ले जाया जाएगा।
शुक्रवार को आयोजित प्रेस वार्ता में संस्थान के मीडिया एवं जनसंपर्क निदेशक भगवान प्रसाद गौड़ ने बताया कि शिविर का उद्घाटन समारोह प्रातः 11 बजे होगा। उन्होंने कहा—
“समाज की शक्ति उसके हर व्यक्ति में निहित होती है। जब दिव्यांग अपनी अपूर्णता से मुक्त होकर सशक्त बनते हैं, तभी राष्ट्र की प्रगति का रथ निर्बाध गतिमान होता है।” संस्थान विगत चार दशकों से देश-विदेश में लाखों दिव्यांगजनों को उनके नगर और गृहक्षेत्र में ही सेवा का प्रकाश पहुँचा रहा है। अब मेरठ में भी वे दिव्यांगजन, जिन्हें किसी दुर्घटना ने असहाय बना दिया था और जो अपने परिवार पर बोझ समझे जाने लगे थे, जर्मन तकनीक से निर्मित नारायण लिम्ब पहनकर पुनः अपने पैरों पर खड़े होंगे और सम्मान सहित समाज की मुख्यधारा से जुड़ेंगे।
रोटरी क्लब मेरठ शिवम के प्रोजेक्ट चेयरमैन रो. प्रतीक जैन ने कहा—“यह शिविर केवल कृत्रिम अंग प्रदान करने का उपक्रम नहीं, बल्कि आत्मसम्मान और आत्मविश्वास की पुनर्स्थापना है। इसका उद्देश्य है कि दिव्यांगजन सामान्य जीवन की गति में सम्मिलित होकर समाज के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ें।”
प्रेस वार्ता में नारायण सेवा संस्थान के निदेशक भगवान प्रसाद गौड़,प्रोजेक्ट चेयरमैन रो.प्रतिक जैन रो. अभिनव अग्रवाल (प्रोजेक्ट को-चेयरमैन), रो. अमित अग्रवाल (प्रोजेक्ट कोषाध्यक्ष), शिविर प्रभारी हरि प्रसाद लड्ढा और आश्रम प्रभारी धर्मेश गर्ग मुकेश शर्मा व लाल सिंह भाटी उपस्थित रहे। इसी अवसर पर शिविर का आधिकारिक पोस्टर भी जारी किया गया।
संस्थान अब तक केवल भारत ही नहीं, बल्कि केन्या, युगांडा, मेरु, तंजानिया और नेपाल जैसे देशों में भी सेवा की ज्योति प्रज्वलित कर चुका है। वर्तमान में प्रतिमाह लगभग 1800 से अधिक कृत्रिम हाथ-पैर लगाए जा रहे हैं। शिविर की भव्यता में वृद्धि हेतु संत-महात्माओं, गणमान्य नागरिकों और समाजसेवियों को आमंत्रित किया गया है। शिविर में निःशुल्क भोजन, कृत्रिम अंग फिटमेंट के उपरांत चलने का विधिवत प्रशिक्षण तथा पूर्व लाभार्थियों द्वारा अपने अनुभवों का साझा किया जाना इसकी विशेषताएँ होंगी।
यह शिविर केवल अंग-दान नहीं, बल्कि आशा का पुनर्जन्म, आत्मनिर्भरता का उत्सव और मुस्कान की पुनर्स्थापना है। यह उन दिव्यांगजनों के जीवन की पुनः गति है, जिनकी राह थम गई थी और जो अब फिर से दौड़ने को तैयार हैं।
1985 से “नर सेवा ही नारायण सेवा है” के अमोघ मंत्र को साधते हुए संस्थान ने सेवा का दीप प्रज्वलित रखा है। संस्थापक श्री कैलाश मानव को उनकी अनुपम सेवा-भावना हेतु राष्ट्रपति महोदय द्वारा पद्मश्री अलंकरण तथा हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा राष्ट्रीय सामुदायिक सेवा सम्मान से विभूषित किया गया।
संस्थान के अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल ने दिव्यांगों हेतु मेडिकल, शिक्षा, कौशल विकास और खेल अकादमी जैसी पहल कर लाखों जीवनों को संबल प्रदान किया है। वर्ष 2023 में उन्हें भी राष्ट्रपति पुरस्कार से अलंकृत किया गया। अब तक संस्थान 40,000 से अधिक कृत्रिम अंग निःशुल्क प्रदान कर हजारों परिवारों को आशा का संबल दे चुका है।
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