-जलभराव और गंदगी से परेशान लोगों ने कमेटी भंग करने की मांगा की
नित्य संदेश ब्यूरो
सरधना। प्राचीन महादेव मंदिर में जलभराव और गंदगी की समस्या ने श्रद्धालुओं का सब्र तोड़ दिया है। मंगलवार को मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचे भक्तों ने जब दोनों मार्गों पर भरे पानी और गंदगी के ढेर देखे तो उनमें आक्रोश फैल गया। श्रद्धालुओं ने खुले तौर पर मंदिर कमेटी की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए उसे भंग कर नई कमेटी गठित करने की मांग की।
श्रद्धालुओं का कहना था कि वे घर से स्नान कर पवित्र भाव से भगवान के दर्शन के लिए आते हैं, लेकिन मंदिर के प्रवेश द्वार पर ही गंदगी और पानी से होकर गुजरना पड़ता है। इससे मंदिर आने का उद्देश्य ही अधूरा रह जाता है। महिलाओं ने भी नाराजगी जताते हुए कहा कि जहां भगवान का धाम स्वच्छता और शांति का प्रतीक होना चाहिए, वहीं यहां श्रद्धालु गंदगी और बदबू से जूझ रहे हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि मंदिर कमेटी की ओर से न तो नियमित सफाई की जाती है और न ही रखरखाव पर ध्यान दिया जाता है, जबकि मंदिर की आमदनी हर महीने लगभग हज़ारों रुपये बताई जाती है, जो मंदिर के बाहर बनी दुकानों से किराए के रूप में आती है। श्रद्धालुओं का आरोप है कि इस आय का सही उपयोग मंदिर की व्यवस्था सुधारने में नहीं किया जा रहा। श्रद्धालुओं ने यह भी जानकारी दी कि मंदिर में स्थापित कुछ मूर्तियां खंडित अवस्था में हैं। उन्होंने कहा कि "जिन मूर्तियों की हम पूजा करते हैं, उनका इस हालत में होना आस्था के साथ खिलवाड़ है। मंदिर कमेटी अगर इन्हें भी ठीक नहीं करवा पा रही तो ऐसी कमेटी का बने रहना व्यर्थ है।"
कमेटी पर लगाया लापरवाही का आरोप
भीड़ में मौजूद लोगों ने एक स्वर में कहा कि वर्तमान कमेटी लापरवाह और निष्क्रिय है। इसे तत्काल भंग किया जाना चाहिए और नई कमेटी का गठन होना चाहिए, जो श्रद्धालुओं की भावनाओं का सम्मान करे और मंदिर के रखरखाव की जिम्मेदारी ईमानदारी से निभाए।
इन लोगों ने किया हंगामा-प्रदर्शन
इस मौके पर सभासद आशीष त्यागी उर्फ़ सोन, ललित गुप्ता, सोनू त्यागी श्यामबोल तोमर, ललित गुर्जर, अजब सिंह गुर्जर, विकास विशनोई, अंशुल त्यागी, देवेंद्र शर्मा, डा. सुधीर गुप्ता समेत महिलाएं शामिल रही। कई जनप्रतिनिधियों ने भी श्रद्धालुओं की नाराजगी का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि यह मंदिर सरधना की आस्था का केंद्र है और यहां की बदहाल स्थिति किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
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