अनम शेरवानी
नित्य संदेश, मेरठ। उत्तर प्रदेश लोक एवं जनजाति संस्कृति संस्थान, संस्कृति विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार तथा स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय के भाषा विभाग, कला एवं सामाजिक विज्ञान संकाय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दस दिवसीय कजरी लोक गायन एवं नृत्य कार्यशाला का समापन समारोह अत्यंत गरिमापूर्ण ढंग से सम्पन्न हुआ।
सत्यजीत रे सभागार में कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन एवं सरस्वती वंदना के साथ किया गया। स्वागत भाषण कला एवं सामाजिक विज्ञान संकाय के डीन प्रो. सुधीर त्यागी ने दिया, जिसमें उन्होंने कार्यशाला के उद्देश्यों और उसकी सांस्कृतिक महत्ता पर प्रकाश डाला। कलाकारों ने कजरी प्रस्तुति देकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. शल्या राज ने अपने विशिष्ट संबोधन में कार्यशाला की सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए सभी प्रतिभागियों को बधाई दी तथा लोक कलाओं के संरक्षण और प्रसार के महत्व को रेखांकित किया।
समारोह के मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश लोक एवं जनजाति संस्कृति संस्थान, संस्कृति विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार के निदेशक अतुल द्विवेदी रहे। उन्होंने कजरी लोक गायन की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, इसकी सांस्कृतिक विरासत और भारतीय परंपरा में इसके गहरे निहितार्थों पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला। समारोह में कार्यशाला के प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का समापन वंदे मातरम् के सामूहिक गायन के साथ हुआ। मंच संचालन विधि गोस्वामी एवं कनिष्क गौतम ने किया।
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