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Friday, August 1, 2025

राष्ट्रीय सुरक्षा पर राजनीति: क्या हम सही दिशा में हैं?


नित्य संदेश। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन महादेव' के तहत जिस बहादुरी और तत्परता से पाकिस्तानी आतंकियों को मार गिराया, वह हमारे देश की सेना और हमारे लिए बड़ी सफलता है। 

इस कार्रवाई ने न केवल हमलावरों को सबक सिखाया, बल्कि यह भी साबित कर दिया कि देश की सुरक्षा के साथ किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा। भारत का शत्रु जल, थल, नभ में कही भी छुपा हो उसका अंत पराक्रम और सूझबूझ से तय है। ऑपरेशन महादेव में पहलगाम की घटना को अंजाम देने वाले आतंकवादी मारे गए। इस बात की पुष्टि आतंकियों के पास से बरामद हथियारों की चंडीगढ़ में हुई फोरेंसिक जाँच में मिली गोलियों के बीच समानता से हुई है। इस बात का यह अकाट्य प्रमाण है कि तीनों आतंकी ही पहलगाम में हुए हमले के लिए जिम्मेदार थे।

यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि जब पूरा देश अपनी सेना के शौर्य का जश्न मना रहा था, तब कुछ राजनीतिक दलों ने इस पर भी राजनीति करने का अवसर खोज लिया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं, जिनमें पी. चिदंबरम जैसे अनुभवी नेता भी शामिल हैं, ने सरकार और सेना की कार्रवाई पर जिस तरह के सवाल उठाए, वह न केवल हैरान करने वाला है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे संवेदनशील मुद्दे पर उनकी गैर-जिम्मेदाराना सोच को भी उजागर करता है।

विपक्ष का काम सरकार की नीतियों पर सवाल उठाना होता है, और उठाना भी चाहिए लेकिन इसका मतलब यह तो नहीं है कि वे हर राष्ट्रीय मुद्दे पर, सेना के शौर्य पर संदेह करें। जब सेना ने स्पष्ट प्रमाण और फोरेंसिक रिपोर्ट के साथ यह साबित कर दिया है कि मारे गए आतंकी ही पहलगाम हमले के दोषी थे, तब भी उन पर सवाल उठाना देश की एकजुटता और सेना के मनोबल को कमजोर करने जैसा ही है।
आतंकवाद एक ऐसा खतरा है, जिससे निपटने के लिए सभी राजनीतिक मतभेदों को भुलाकर एक साथ खड़े होने की आवश्यकता है। यह समय दलगत राजनीति से ऊपर उठकर देशहित में सोचने का है। 

राजनीतिक दलों को समझना होगा कि वे अपने छोटे से राजनीतिक लाभ के लिए देश की सुरक्षा को दांव पर नहीं लगा सकते। जब राष्ट्रीय सुरक्षा की बात आती है, तो विपक्ष और सत्ता पक्ष की बहस समाप्त हो जानी चाहिए। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारी सेना को हर चुनौती से लड़ने के लिए देश का पूर्ण समर्थन मिले, न कि उन पर बेवजह सवाल उठाकर उनके साहस को कम किया जाए। देशहित में सेना का मनोबल बढ़ाना पक्ष विपक्ष दोनों का ही कर्तव्य है। 

सपना सी.पी. साहू 'स्वप्निल'
इंदौर

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