नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। पूर्व राज्यपाल एवं प्रखर जननेता सत्यपाल मलिक के निधन का समाचार अत्यंत दुःखद एवं स्तब्धकारी है। उनके निधन से भारतीय जनजीवन, विशेषकर किसान समाज, बौद्धिक जगत और लोकतांत्रिक चेतना के एक निर्भीक प्रहरी को अपूरणीय क्षति हुई है।
राष्ट्रीय लोक दल के पूर्व महासचिव सत्येन्द्र सिंह तोमर (कृषि विज्ञानी) ने बताया कि श्री मलिक का सार्वजनिक जीवन सादगी, स्पष्टवादिता और सिद्धांतों के प्रति प्रतिबद्धता का आदर्श उदाहरण रहा। वे न केवल एक अनुभवी सांसद और प्रशासक रहे, बल्कि उन्होंने संवैधानिक पदों पर रहते हुए भी सदैव जनहित और लोकचेतना को सर्वोपरि रखा। उनकी सबसे बड़ी विशेषता यह रही कि उन्होंने राज्यपाल जैसे संवैधानिक पद से निवृत्त होने के बाद भी निष्कलंक, निर्भीक और निष्पक्ष रूप से किसानों के अधिकारों के लिए आवाज़ उठाई। चाहे वह तीन कृषि कानूनों का विरोध हो या किसानों के साथ अन्याय के विरुद्ध जनजागरण, श्री मलिक सदैव किसानों की आवाज़ बने रहे।
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