सपना सीपी साहू
नित्य संदेश, इंदौर। वामा साहित्य मंच ने मुंशी प्रेमचंद की जयंती के उपलक्ष्य में एक विशेष स्मरणगोष्ठी का आयोजन किया, जिसका विषय था "प्रेमचंद के किरदार, कितने दमदार!" इस साहित्यिक आयोजन में प्रेमचंद के कालजयी पात्रों के जीवंत चित्रण और वर्तमान समाज में उनकी प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला गया।
गोष्ठी का शुभारंभ प्रीति मकवाना की सरस्वती वंदना के साथ हुआ। सचिव स्मृति आदित्य और मधु टाक ने अतिथियों का स्वागत किया। अध्यक्ष ज्योति जैन ने स्वागत उद्बोधन देते हुए प्रेमचंद के साहित्य की वर्तमान प्रासंगिकता पर जोर दिया और आगामी कार्यक्रमों की जानकारी दी।
इस अवसर पर वामा साहित्य मंच से जुड़ीं लेखिकाओं ने प्रेमचंद की कहानियों के अमर पात्रों का विशद वर्णन किया। डॉ. आराधना तिवारी, अवंति श्रीवास्तव, आशा मानधन्या, तनुजा चौबे, वाणी जोशी, वंदना मिश्र मोहिनी, रेखा मण्डलोई, अनीता जोशी, आशीष कौर होरा, किसलय पंचोली, कविता अर्गल, निरुपमा त्रिवेदी और आशा राजलक्ष्मी ने इन किरदारों के परिवेश, सामाजिक स्थिति, जीवन स्तर, स्वाभिमान और ईमानदारी जैसे पहलुओं को उजागर किया। उन्होंने बताया कि किस प्रकार इन पात्रों के आदर्शों को जीवन में अपनाकर एक बड़े सामाजिक परिवर्तन की नींव रखी जा सकती है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संस्कृतिकर्मी संजय पटेल ने वामा साहित्य मंच के अनुशासन, समन्वय, सृजनात्मकता और समर्पण की सराहना की। उन्होंने प्रेमचंद के व्यक्तित्व और चरित्र की विशेषताओं पर भी प्रकाश डाला। पटेल ने प्रेमचंद की कहानी 'रसिक संपादक' का वाचन कर सभागार में हास्य रस बिखेर दिया। गोष्ठी का सफल संचालन नीरजा जैन ने किया और सपना सी.पी. साहू ने आभार व्यक्त किया।
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