नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। शुभम करोति फाउंडेशन की ओर से
आभा मानव मंदिर वरिष्ठ नागरिक सेवा सदन, पंचवटी कॉलोनी में गोस्वामी तुलसीदास
जयंती के अवसर पर श्री राम चरितमानस ज्ञान यज्ञ सप्ताह का शुभारंभ हुआ।
महामंडलेश्वर स्वामी अनंतानंद सरस्वती महाराज द्वारा राम चरितमानस पर दिव्य
प्रवचन किए गए। व्यासपीठ का स्वागत एवं पूजन सुरेश चंद्र गोविल व आभा गोविंल
द्वारा किया गया। स्वामी जी ने बताया कि श्री राम चरितमानस का प्रभाव मन पर
पड़ता है। गोस्वामी तुलसीदास कहते हैं कि श्री राम की प्राप्ति करनी है तो साधना
अपने मन से करनी पड़ेगी। चित्त की सारी चेष्टाओं को बहुत विवेक पूर्वक देखकर
संभालना ही साधन है। क्या खाना है? कहां जाना है, क्या सुनना है? यह सोचकर करना चाहिए। इन सबका प्रभाव हमारे मन पर पड़ता है। मन को हम ऐसे संस्कार देने चाहिए, जैसे हम अपनी कन्या को संस्कार देते हैं, जिससे कि
किसी पुरुष की कोई दृष्टि उसे पर ना पड़े।
महाराज ने कहा कि इसी प्रकार हमें अपने मन को भी ध्यानपूर्वक
सहेज कर रखना चाहिए। ईश्वर को हम पुष्प अर्पण करते हैं और पुष्प का पर्यायवाची
सुमन भी होता है, पहले अपनी साधनाओं व
श्रेष्ठ चेष्टाओं द्वारा मन को सुमन बनाएं और फिर उस सुमन को भगवान को अर्पित
करें। श्रावण में श्रीरामचरितमानस करने या सुनने पर भगवान शिव प्रसन्न होते है।
दिव्य गूढ़ बातों पर दिव्य प्रवचन से सभी उपस्थित बुजुर्ग व आगंतुक भाव विभोर हो
गए। सभी ने पूरे मनोयोग से प्रवचन सुने।
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