-बुलेट न मिलने पर शादी
से किया इंकार, परिजनों ने थाने में दी तहरीर
शाहिद खान
नित्य संदेश, मेरठ। दूल्हे को दहेज में बुलेट नहीं मिली तो उसने शादी करने से इनकार कर दिया। सोमवार रात्रि बारात आनी थी। दुल्हन मेहंदी लगाए बैठी थी। परिजन भी बारातियों के स्वागत की तैयारी कर चुके थे। खाना बन चुका था और दहेज का सामान भी सज चुका था, लेकिन देर रात तक बारात नहीं पहुंची। दुल्हन पक्ष ने दूल्हे के परिवार को फोन किया। दूल्हे के पिता ने दहेज में बुलेट की मांग रख दी। बुलेट न मिलने पर बारात लाने से मना कर दिया। पूरा मामला लिसाड़ीगेट थाना क्षेत्र के उमर गार्डन का है।
लिसाड़ीगेट के उमर गार्डन
निवासी आयशा प्रवीण की शादी खजूरी के रहने वाले जीशान से तय हुई थी। दुल्हन के भाई
नदीम ने बताया, वह 6 महीने पहले खजूरी के रहने वाले इनाम के बेटे जीशान से अपनी बहन
आयशा का रिश्ता करने गए थे। तब जीशान के परिवार के लोगों ने उनसे डिमांड की थी, लेकिन
उन्होंने सारी बातें स्पष्ट कर बता दिया था कि हम गरीब हैं। ज्यादा डिमांड पूरी नहीं
कर सकते। लेकिन उन्होंने 2 लाख रुपए देने की बात कबूल की थी और इसी दौरान 2 लाख रुपए
दे दिए थे। दुल्हन के भाई नदीम ने बताया, 16 जून की रात्रि बहन आयशा की बारात आनी थी,
लेकिन जीशान के परिवार के लोगों ने उनसे बारात लाने से पहले बुलेट की डिमांड रख दी।
हम लोगों ने बुलेट देने से इनकार कर दिया, इसी बात से नाराज जीशान के पिता इनाम ने
कहा कि अगर बुलेट नहीं दी तो बारात नहीं लाएंगे। दुल्हन की मां रेशमा ने बताया, बिचौलिया
सलमान भी दहेज में स्कूटर मांग रहा है। उन्होंने मंगनी में ही करीब दो लाख रुपए खर्च
कर दिए हैं। जबकि शाम तक सारे मेहमान घर आ गए थे। शामियाना सजा था। खाना बन चुका था,
लेकिन बारात नहीं आई।
दुल्हन की मां रेशमा ने
बताया, दूल्हे इमरान के पिता इनाम ने फोन पर कहा, 15 जून को जीशान के बड़े भाई शारिक
का निकाह इस्लाम की बेटी से हुआ है। वहां पर उसे सभी सामान अच्छा मिला है और पैसे भी
मिले हैं। और गाड़ी भी मिली है। तुम बुलेट दे देना अगर बुलेट ना हो तो अपाचे बाइक दे
देना। दूल्हे के परिवार के लोग दोपहर एक बजे तक बारात लाने की बात कर रहे थे, लेकिन
बुलेट ना मिलने से भी बारात नहीं लेकर आए। 500 लोगों का खाना बनवाया था, वह भी बेकार
हो गया है। कन्या पक्ष ने सूचना 112 पुलिस को दी। पुलिस मौके पर पहुंची पर पुलिसकर्मी
थाने में तहरीर देने की बात कहकर लौट गए।
सोर्स: डिजीटल भास्कर
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