नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। विश्व योग दिवस के उपलक्ष्य में बागपत रोड स्थित विद्या विश्वविद्यालय में कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें सभी लोगों ने योगासन कर स्वस्थ्य रहने के संकल्प को दोहराया। इससे पूर्व 16 से 20 जून तक साप्ताहिक योग शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें प्रतिदिन प्रातः 9:00 बजे से योग करवाया गया। इसका संचालन योगाचार्य अनुज योगी के मार्गदर्शन में हुआ। शिविर के अंतिम दिन शनिवार को अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन हुआ।विश्व योग दिवस पर आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन एवं सरस्वती वंदना के साथ हुआ। विद्यागान के पश्चात विद्या स्कूल आफ बिजनेस की निदेशिका डॉ. वसुधा शर्मा ने विद्या विश्वविद्यालय के चांसलर प्रदीप कुमार जैन, प्रो. चांसलर विशाल जैन तथा कुलपति डॉ. हिरेन दोशी, मुख्य अतिथि वक्ता डीन फैकल्ट्री ऑफ लॉ डॉ. अनिल कुमार शर्मा, योगाचार्य अनुज योगी के साथ शिक्षकगण, विद्यार्थियों एवं समस्त प्रतिभागियों का हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन करते हुए कहा कि योग भारत की प्राचीनतम और अमूल्य विरासत है जो आज विश्वभर में अपनाई जा रही है। यह केवल एक व्यायाम नहीं, बल्कि सम्पूर्ण जीवनशैली है जो हमें शारीरिक, मानसिक और आत्मिक रूप से संतुलित रहने की प्रेरणा देती है। आज के इस आयोजन का उद्देश्य केवल योगाभ्यास तक सीमित नहीं है, बल्कि योग के व्यापक दृष्टिकोण और उसके लाभों को जन-जन तक पहुँचाना है, विशेष रूप से हमारे युवा विद्यार्थियों तक।
इस मौके पर कुलपति डॉ. हिरेन दोशी ने सभी विद्यार्थियों, शिक्षकों और नागरिकों को हार्दिक शुभकामनाएँ दी। उन्होंने कहा कि योग केवल शारीरिक व्यायाम नहीं, बल्कि शरीर, मन और आत्मा का सामंजस्म है। विद्यार्थियों के लिए यह और भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह न केवल उन्हें शारीरिक रूप से स्वस्थ बनाता है, बल्कि मानसिक एकाग्रता, तनाव-नियंत्रण और आत्मानुशासन में भी सहायक होता है। आज के प्रतिस्पर्धात्मक युग में छात्र अनेक मानसिक दबावों से गुजरते हैं। ऐसे में यदि वे प्रतिदिन कुछ समय योग और ध्यान को समर्पित करें, तो उनका न केवल एकेडमिक प्रदर्शन बेहतर होगा, बल्कि वे एक संतुलित और सकारात्मक जीवनशैली अपना सकेंगे। हमारा विश्वविद्यालय छात्रों के समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है, और योग इसमें एक सशक्त माध्यम है। मैं सभी से आग्रह करता हूँ कि योग को अपने दैनिक जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाएं और स्वस्थ भारत के निर्माण में योगदान दें। मुख्य अतिथि वक्ता के रूप में डीन फैकल्ट्री आफ लॉ डॉ. अनिल कुमार शर्मा ने योग की वैश्विक महत्ता, मानव जीवन में योग के लाभ एवं भारत के सांस्कृतिक योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि योग न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक एवं आत्मिक शुद्धि का मार्ग है और आज दुनिया भर में इसकी स्वीकार्यता भारत की महान परंपरा की विजय है।
कार्यक्रम स्थल अल्फा सेमिनार हॉल में आयोजित योग सत्र में योग के विभिन्न आसनों का अभ्यास कराया गया, जिनमें ताड़ासन, भुजंगासन, वृक्षासन, त्रिकोणासन और प्राणायाम प्रमुख रहे। योगाचार्य अनुज योगी ने प्रतिभागियों को प्रत्येक आसन की विधि, लाभ एवं सावधानियों की जानकारी दी। कार्यक्रम में विद्यार्थियों, शिक्षकों, कर्मचारियों तथा स्थानीय नागरिकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। बड़ी संख्या में उपस्थित लोगों ने सामूहिक योगाभ्यास कर 'योग से स्वास्थ्य, योग से शांति' का संदेश दिया।
इसके बाद योगाचार्य अनुज योगी एवं अतिथि वक्ता डॉ. अनिल कुमार शर्मा को स्मृति चिह्न प्रदान कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र दिया गया। धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस का यह आयोजन विद्या विश्वविद्यालय की ओर से स्वस्थ जीवनशैली, आत्मविकास एवं भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों के प्रति जागरूकता की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल सिद्ध हुआ।
कार्यक्रम का संचालन बीजेएमसी की छात्रा इशिका शर्मा के साथ बीटेक के छात्र रूद्र शर्मा ने किया। इस मौके पर विद्या विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागें के डीन, डायरेक्टर, विभागाध्यक्ष, फैकल्ट्री आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम को सफल बनाने में विद्या स्टूडेंट एंबेस्डर काउंसिल के कोर टीम सदस्यों, डिष्ट्री वाइस प्रेसिडेंट, सदस्यों के साथ एनसीसी के कैडेट्स का योगदान रहा।
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