नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने आरोप लगाया है कि पॉवर कारपोरेशन प्रबन्धन और चेयरमैन निजी घरानों के साथ मिलीभगत कर कौड़ियों के दाम 42 जनपदों का बिजली का निजीकरण करने में लगे हैं।
संघर्ष समिति ने चेतावनी दी है कि यदि निजीकरण के नाम पर अभियन्ताओं को अनावश्यक रूप से दण्डित किया गया तो इसकी तीखी प्रतिक्रिया होगी। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के प्रबन्ध निदेशक द्वारा प्रशासनिक आधार पर अभियन्ताओं का स्थानान्तरण किए जाने के सम्बन्ध में बिजली कर्मियों में गुस्सा फैल गया है। लगातार 190वें दिन बिजली कर्मियों का प्रान्तव्यापी विरोध प्रदर्शन जारी रहा।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति मेरठ के पदाधिकारियों ने इं सीपी सिंह (सेवानिवृत), इं कृष्ण कुमार साराश्वत, इं निखिल कुमार, इं निशान्त त्यागी, इं प्रगति राजपूत, कपिल देव गौतम, जितेन्द्र कुमार, विवेक सक्सेना, प्रदीप डोगरा आदि एवं जूनियर इंजीनियर संगठन के पदाधिकारियों राम आशीष कुशवाहा, गुरुदेव सिंह, रविंद्र कुमार, प्रेम पाल सिंह, अश्वनी कुमार आदि ने जारी बयान में आरोप लगाया है कि पॉवर कारपोरेशन शीर्ष प्रबन्धन और चेयरमैन की निजी घरानों के साथ मिलीभगत है। संघर्ष समिति के आह्वान पर ऊर्जा भवन कार्यालय में हुई विरोध सभा में सभी बिजली कर्मचारियों ने निजीकरण के विरुद्ध अपनी आवाज़ बुलंद की।
No comments:
Post a Comment